For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दहेज प्रथा
सामाजिक पतन
कैसी ये व्यथा !!

भ्रूण संहार
अंसतुलित हम
गिरता स्तर !!

घना कोहरा
छायी उदासीनता
न हो सवेरा !!

उम्र नादान
विलक्षण प्रतिभा
छू आसमान !!

कड़वा सच
गिरती नैतिकता
देख दर्पण !!


मौलिक व अप्रकाशित
(प्रवीन मलिक)

Views: 647

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Parveen Malik on September 20, 2013 at 2:38pm
आदरणीय सौरभ जी मुझे भी हार्दिक प्रसन्नता हो रही है आपकी टिप्पणी पाकर ... सादर धन्यवाद .....
Comment by Parveen Malik on September 20, 2013 at 2:34pm
प्राची जी दूसरी कोशिश मैंने आपसे पहला रचना में प्राप्त टिप्पणी को ध्यान में रखते हुये की है .... आप लोग मार्गदर्शन करते रहिये मैं और सुन्दर लिखने की कोशिश करुगीं ... आपको हर हाइकु पसंद आया जानकर बड़ा अच्छा लगा की कदम सही दिशा में बढ़ रहे हैं ! सादर धन्यवाद !
Comment by Parveen Malik on September 20, 2013 at 2:30pm
आदरणीय विजय निकोर जी तहेदिल से शुक्रिया आपका रचना को समय देने के लिए ....
Comment by Parveen Malik on September 20, 2013 at 2:29pm
विजयाश्री जी अपना बहुमूल्य समय देने के लिए हार्दिक धन्यवाद ....
Comment by Parveen Malik on September 20, 2013 at 2:27pm
अरुन जी कोशिश कर रही हूँ कि हाइकु और ज्यादा सुन्दर बन पड़ें .... बस आप लोग यूहीं हौसलाअफजायी करते रहेंगें तो सफलता मिल ही जायेगी ... सादर धन्यवाद ...
Comment by Parveen Malik on September 20, 2013 at 2:25pm
सादर धन्यवाद मीना पाठक जी अपना अनमोल समय एंव स्नेह देने के लिए ...
Comment by Parveen Malik on September 20, 2013 at 2:24pm
आदरणीय अन्नपूर्णा बाजपेयी जी तहेदिल से शुक्रिया आपका हौसलाअफजायी के लिए .... सादर धन्यवाद !
Comment by Parveen Malik on September 20, 2013 at 2:22pm
जितेन्द्र जी आपको रचना पसन्द आयी हार्दिक धन्यवाद ... स्नेह बनाये रखियेगा !
Comment by Parveen Malik on September 20, 2013 at 2:21pm
आदरणीय गिरिराज जी हम भी अभी सीख रहें हैं ... आपने समय दिया और सराहा ... बहुत बहुत शुक्रिया !

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 19, 2013 at 11:09am

आपकी हाइकु प्रस्तुति से मन आह्लादित है आदरणीया.

सादर बधाइयाँ.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी * दादा जी  के संग  तो उमंग  और   खुशियाँ  हैं, किस्से…"
8 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी छंद ++++++++++++++++++   देवों की है कर्म भूमि, भारत है धर्म भूमि, शिक्षा अपनी…"
20 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आदरणीय जी सृजन पर आपके मार्गदर्शन का दिल से आभार । सर आपसे अनुरोध है कि जिन भरती शब्दों का आपने…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को मान देने एवं समीक्षा का दिल से आभार । मार्गदर्शन का दिल से…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Tuesday
Admin posted discussions
Monday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"बंधुवर सुशील सरना, नमस्कार! 'श्याम' के दोहराव से बचा सकता था, शेष कहूँ तो भाव-प्रकाशन की…"
Monday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"बंधुवर, नमस्कार ! क्षमा करें, आप ओ बी ओ पर वरिष्ठ रचनाकार हैं, किंतु मेरी व्यक्तिगत रूप से आपसे…"
Monday
Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बंधु, लघु कविता सूक्ष्म काव्य विवरण नहीं, सूत्र काव्य होता है, उदाहरण दूँ तो कह सकता हूँ, रचनाकार…"
Monday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service