कोई अच्छा बहाना देख लेना
कहीं दिलकश ठिकाना देख लेना /१
अगर मिलना हो तुमको हमनशीं से
तो फिर मौसम सुहाना देख लेना/२
भले ही मुश्किलों में हम पले हैं
हमारा मुस्कुराना देख लेना/३
मजा लेना अगर है दुश्मनी का
कोई दुश्मन पुराना देख लेना /४
किसी की आबरू यूँ मत उछालो
कभी इज्ज़त गंवाना देख लेना/५
सितारों की कबड्डी में मजा क्या
कभी परदा हटाना देख लेना /६
हमारा ‘सारथी’ है नाम समझे
मिज़ाजे - शाइराना देख लेना /७
.............................................
*सर्वथा मौलिक व अप्रकाशित
बह्र : १२२२ १२२२ १२२
Comment
भले ही मुश्किलों में.... हम पले हैं
हमारा मुस्कुराना...... देख लेना |
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल है .. ढेरो दाद क़ुबूल फरमाएँ
भले ही मुश्किलों में.... हम पले हैं
हमारा मुस्कुराना...... देख लेना |
किसी की आबरू ..यूँ मत उछालो
कभी इज्ज़त गंवाना .. देख लेना |
प्रिय बैद्यनाथ जी ...बहुत सुन्दर भाव लिए गजल ..अच्छे अशआर ....भ्रमर ५
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online