For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लगा अब दांव पर परिवार का सम्मान है /

1 2 2 2 1 2 2 2 1 2 2 2 1 2


लबों से आज गायब हो गई मुस्कान है
अजब सी अब परेशानी लिए इन्सान है /

कभी तो दिन भी बदलेंगे ,मिलेगा चैन तब
दुखों का अंत होगा तब यही अनुमान है /

गिले शिकवे यूँ अब हावी हुए रिश्तों पे हैं
लगा अब दांव पर परिवार का सम्मान है /

किसे अपना कहें किसको पराया हम कहें
यहाँ हर चेहरे की अब छुपी पहचान है /

रचे हैं साजिशें गहरी मगर अब सोचते
जफ़ा पाकर खुदी का डोलता ईमान है /

..............................................

...........मौलिक व अप्रकाशित.........

Views: 564

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sarita Bhatia on November 4, 2013 at 7:05pm

आदरणीय वीनस जी तह दिल से शुक्रिया मार्गदर्शन बनाए रखें 

Comment by Sarita Bhatia on November 4, 2013 at 7:05pm

ब्रिजेश नीरज जी शुक्रिया 

Comment by Sarita Bhatia on November 4, 2013 at 7:04pm

आदरणीय राजेश जी हार्दिक आभार 

Comment by Sarita Bhatia on November 4, 2013 at 7:04pm

भाई राम जी उत्साहवर्धन करते रहें ,शुक्रिया 

Comment by Sarita Bhatia on November 4, 2013 at 7:03pm

आदरणीय अन्नपूर्णा जी हार्दिक आभार 

Comment by वीनस केसरी on November 2, 2013 at 11:34pm

एक और सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें

Comment by बृजेश नीरज on November 1, 2013 at 7:37pm

अच्छा प्रयास है! आपको हार्दिक बधाई!

Comment by राजेश 'मृदु' on October 31, 2013 at 2:44pm

जय हो आपकी, बहुत ही सुंदर प्रस्‍तुति, दाद कबूलें इस रचना पर, सादर

Comment by ram shiromani pathak on October 30, 2013 at 8:26pm

आदरणीया सरिता जी बहुत अच्छी  ग़ज़ल है बहुत बहुत   बधाई आपको //// सादर 

Comment by annapurna bajpai on October 30, 2013 at 6:24pm

सुंदर भावों से युक्त है आपकी गजल रचना आपको बहुत बधाई आ0 सरिता जी । 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service