तुम साथ नहीं हो
लेकिन फिर भी
ऐसा लगता है
कि तुम यहीं हो
फुलों में, हवाओ में
पतझड़ में, बहारों में
घटाओ में, फिजाओं में
हर एक चीज में
तेरी याद बसती है
हर चेहरे मे, हर नजारे में
बस तु ही मुझे दिखती है
ग़र मै भुलना चाहूँ
फिर भी नहीं भुल सकता
क्योंकी मेरी हर साँस
बस तेरी ही बात कहती है
मेरे दिल की हर घड़कन
बस तेरा ही नाम लेती है...
बस तेरा ही नाम लेती है...
Comment
wah raju bhayi wah ! kya baat hai....bahut hee sundar ehsaaspurn kawita likha hai apne.
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