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Raju's Blog (15)

“तुम्हारा एहसास”

तुम साथ नहीं हो

लेकिन फिर भी

ऐसा लगता है

कि तुम यहीं हो

फुलों में, हवाओ में

पतझड़ में, बहारों में

घटाओ…

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Added by Raju on January 21, 2011 at 10:09am — 4 Comments

तुम वही हो

तुम वही हो
जिसके लिए मैने स्वपन बुने है
तुम वही हो
जिसकी धुन मैने गुने है
तुम वही हो
जिसके लिए ह्रदय मे स्पंदन है
तुम वही हो
जिसके लिए मन में बँधन है
तुम वही हो
जिसके बिना आँखो मे नमी सी थी
तुम वही हो
जिसकी जीवन में कमी सी थी

Added by Raju on January 14, 2011 at 11:17pm — 4 Comments

यादें

कल आँखे खोली दुनिया में
कल को रुखसत हो जाएंगे
संग चले जो कह कर अपना
सब बेगाने हो जाएंगे
साथ तुम्हारा भी ना होगा
वादे सारे खो जाएंगे
दिल में दी थी जगह जिन्होने
क्या फिर बांहे फैलाएंगे?
हाँ, पर जिनको दी मुस्कानें
भुल नहीं हमको पाएंगे
रह ना सकेंगे इस दुनिया में
यादों में हम रह जाएंगे।।

"रिचा भारती"

Added by Raju on July 25, 2010 at 4:22pm — 3 Comments

""सफलता का दर्पण""

करो जीवन मे जो प्रण,

पुरा करने को उसे,

कर दो तन-मन सब कुछ अर्पण।





राह मे आए चाहे कितनी भी कठिनाइयां,

चाहे हँसती रहे तुमपर सारी दुनिया,

अगर पक्का है तुम्हारा इरादा,

तोड़ सकते हो तुम हर बाधा,

सदा रखो स्वयं पर नियंञण,

अस्वीकार कर दो लोभ का हर निमंञण,

ज्यों-ज्यों लक्ष्य के प्रति बढेगा आर्कषण,

चिड़िया की तरह तिनका तिनका उठाना होगा,

तुम्हे रात-दिन अपना पसीना बहाना होगा,



हिम्मत मेहनत और लगन से

पुर्ण किया जो तुमने…
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Added by Raju on June 19, 2010 at 12:46pm — 5 Comments

माँ का प्यार : सुगंधित बयार"

माँ का प्यार : सुगंधित बयार

माँ तुझे सलाम!



माँ, समूची धरती पर बस यही एक रिश्ता है जिसमें कोई छल कपट नहीं होता। कोई स्वार्थ, कोई प्रदूषण नहीं होता। इस एक रिश्ते में निहित है अनंत गहराई लिए छलछलाता ममता का सागर। शीतल, मीठी और सुगंधित बयार का कोमल अहसास। इस रिश्ते की गुदगुदाती गोद में ऐसी अनुभूति छुपी है मानों नर्म-नाजुक हरी ठंडी दूब की भावभीनी बगिया में सोए हों।



माँ, इस एक शब्द को सुनने के लिए नारी अपने समस्त अस्तित्व को दाँव पर लगाने को तैयार हो जाती है। नारी अपनी… Continue

Added by Raju on May 9, 2010 at 9:00am — 4 Comments

"हमे तुमसे कितनी मोहब्बत है"

मेरी जिन्दगी के साथी,

आज तुमको बताते है

की हमे तुमसे कितनी मोहब्बत है.........



जितना चाँद को है चकोर से,

जितना पपिहे को है ओस से,

जितना साँसो को है धड़कन से,

जितना प्यासे को है पानी से,

जितना नदी को है धारे से,

जितना कश्ती को है किनारे से,

जितना खुशबू को है फुल से,

जितना रास्ते को है धुल से,

जितना शमा को है परवाने से,

जितना दिवानी को है दिवाने से,

जितना शराबी को है मयखाने से,

जितना दरवेश को है दरगाह से,

जितना…
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Added by Raju on April 26, 2010 at 10:00pm — 5 Comments

”किसी और के नाम की मेंहदी”

किसी और के नाम की मेंहदी, तुम

अपने हाथो पे रचाने जा रही हो

मेंहदी के इन सूर्ख-लाल रंगो से,तुम

हाथ की लकीरों को छुपाने जा रही हो

उन लकीरों में लिखा था नाम मेरा, तुम

अपने हाथो से मेरा नाम मिटाने जा रही हो

वादा तो था सात-जन्मों तक साथ निभाने का, तुम

इसी जन्म मे साथ छुड़ाने जा रही हो

याद आयेंगे तुम्हे बहुत वो बिते हुए पल, तुम

जिनको हमेशा के लिए भुलाने जा रही हो

वादा करते है रहोगी इस दिल मे ताउम्र, तुम

जिस दिल को तोड़ने जा रही हो

होंगी… Continue

Added by Raju on April 25, 2010 at 9:00am — 4 Comments

"तेरी याद"

तेरी ही यादों मे जीता हुँ
तेरी ही यादों मे मरता हुँ
गुजरे पलों को याद कर
बस तेरे ही ख्यालों मे रहता हुँ
महफिल भी रास नही आती
तन्हाई मे भी तन्हा ही रहता हुँ
सफर अभी कितना लम्बा है
ये सोच के मै घबराता हुँ
मुद्दतें बीत गई तुम्हे देखे हुए
सब्र ना टुट जाऐ ये सोच के डर जाता हुँ
दुर कही जमीं-आसमाँ मिले
ये देख मै भी उम्मीद जगाता हूँ

Added by Raju on April 22, 2010 at 11:06pm — 3 Comments

"लेवे दी जन्म बेटियन के धरती पर"

लेवे दी जन्म बेटियन के धरती पर



मत बजाएम रऊरा थरीया चाहे



ना तऽ के बजाई,थरीया पितल के



रऊरा भाई-भतीजन के जन्म पर



लेवे दी जन्म बेटियन के धरती पर



मत गाएम रऊरा मंगल गीत चाहे



ना तऽ के गाई गीत



रऊरा लइकन के विआह में



लेवे दी जन्म बेटियन के धरती पर



मत देहब कौनो विश्वास उनका के



ना तऽ कइसे कराएम,रऊरा



दर्ज अदालत में ,मामला घरेलू हिंसा के



लेवे दी जन्म बेटियन के धरती… Continue

Added by Raju on April 16, 2010 at 3:56pm — 4 Comments

"हम बानी कुँवारी"

हम बानी कुँवारी

माँ-बाप के सर पर

एक बोझ बानी भारी

दुल्हा खरीद ना पईनी

हम बानी ऊ अभागन नारी



हम बानी कुँवारी

प्रदर्शनी खातिर लागल

हई कौनो चीज प्यारी

आवेलन लइका वाला

देखे खातिर हमके

पर ऊ त देखेलन,

हमार घर, हमारा बाप के हैसियत

कहेलन ऊ लोग,

दो चार रोज में बताएम

पर हमके पता बा

ऊ लोग नइखे आवे वाला

काहे कि, लइका वाला देखले बा

हमरा दुआरी पर

नाही खडा बा कार

हमरा ड्राईंग रूम मे

सोफा नईखे ,… Continue

Added by Raju on April 6, 2010 at 9:07pm — 6 Comments

"प्यार"

प्यार वो ख़ुश्बू है जिससे सारा चमन महक उठता है
प्यार वो समझ है जिससे सारी दुनिया शांत हो उठती है

प्यार वो विश्वास है जहाँ अटूट बंधन बाँध लेता है
प्यार वो रंग है जो हर रंग मे मिल जाता है

प्यार बचपन से लेकर जवानी तक एक कहानी लिख जाता है
प्यार जवानी से बुढ़ापे तक एक नई दास्तान बताता है

काश ! हर तरफ़ प्यार ही होता
तो आज दुनिया का एक नया रूप होता

Added by Raju on April 2, 2010 at 6:00pm — 7 Comments

"काहे की हमनी के सभ्य हो गइल बानी"

दिन,प्रतिदिन,

हर एक पल,

आपन सभ्यता अउर संस्कृति में

निखार आ रहल बा,

हमनी के हो गईनी,केतना सभ्य,

कौआ ई गीत गा रहल बा

पहिले बहुत पहिले,

जब हमनी के एतना सभ्य ना रहीं,

त रहे चारों तरफ खुशहाली,

लोगन के मिलजुल के,

विचरण रहे जारी,

जेतना पावत रहनी,

प्रेम से खात रहनी,

दोस्तन के भी खिआवत रहनी,

आ कबो-कबो भूखे सुत जात रहनी।।

आज जब हमनी के सभ्य हो गइल बानी,

बाटे सोहात नाही,

दोसरा के रोटी,

छिन के खा रहल…
Continue

Added by Raju on April 2, 2010 at 12:41pm — 4 Comments

"एक था और एक थी"

This poem is not written by me......This is my one of favourite poem

एक था’…

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Added by Raju on March 31, 2010 at 1:57pm — 4 Comments

"माई के तुलना ना हो सकेला"

माई हिमालय से भी…

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Added by Raju on March 29, 2010 at 7:53pm — 7 Comments

"जिन्दगी"

जिन्दगी कबो दुख के धुप ,त…

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Added by Raju on March 28, 2010 at 8:00pm — 6 Comments

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