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चले जायेगें गीत

तड़पता छोड़  हमको जो चले जायेगें
दिल का दर्द हम तो अब किसे दिखायेगे

 

कभी प्यार से मिला करती मुझसे वो तो
हवा में अपना आंचल लहराती वो तो
बन गये जो सपने वह किसे बतायेगे
दर्द दिल का हम तो अब किसे दिखायेगे
तड़पता छोड़  हमको जो चले जायेगें

 

रोज सपने में मेरे वो तो आती थी
बंद ओठो से हमको गीत सुनाती थी
यादो को उसके कैसे हम भुलायेगें
दर्द दिल का हम तो अब किसे दिखायेगें
तड़पता छोड़  हमको जो चले जायेगें

 

वेवफाई का जो लगाया दाग तुम ने
हर बात पे मेरी किया इन्‍कार तुम ने
भरी दुनिया में अब भी साथ  निभायेगे
दर्द दिल का हम तो अब किसे दिखायेगें
तड़पता छोड़  हमको जो चले जायेगें

 

मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी

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Comment

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 14, 2014 at 4:34pm

कविताओं पर उपलब्ध तमाम पोस्ट देखते रहिये ..

शुभ-शुभ

Comment by बृजेश नीरज on February 23, 2014 at 3:01pm

अच्छा प्रयास है! आपको हार्दिक बधाई!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 22, 2014 at 8:29am

सुंदर गीत पर हार्दिक बधाई, आदरणीय अखंड जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 21, 2014 at 7:00pm

आदरनीय अखंड भाई , गीत का सुन्दर प्रयास हुआ  है , गेयता की थोड़ी कमी लग रही है ॥ रचना के लिये आपको दिल से बधाइयाँ ॥

कृपया ध्यान दे...

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