For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बीच राह श्मशान बना दो

बीच राह श्मशान बना दो
इंसानों को यह समझा दो |

जीवन नश्वर है यह जानें
मृत्यु सत्य है उसको मानें
नफरत छोड़ प्यार सिखला दो

इंसानों को यह .......

रूप बड़ा ही सुन्दर पाया
काया ने कब साथ निभाया
साँच बुढ़ापे का दिखला दो

इंसानों को यह .......

यह जग एक मुसाफिरखाना
इसका राज नहीं जो जाना
राज यही उसको बतला दो

इंसानों को यह .......

रिश्ते सारे अजब अनूठे
पाश मोह ममता के झूठे
प्रीत ईश के संग लगा दो

इंसानों को यह .......

................................

..मौलिक व अप्रकाशित...

Views: 681

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by coontee mukerji on May 27, 2014 at 6:26pm

बीच राह श्मशान बना दो
इंसानों को यह समझा दो |

जीवन नश्वर है यह जानें
मृत्यु सत्य है उसको मानें
नफरत छोड़ प्यार सिखला दो

इंसानों को यह .......हमारे जीवन का सत्य  श्मशान पर आकर ही जीवन की राह दिखाता है.....बहुत ही अनुभव के बाद ही ऐसी रचना लिखी जा सकती है...साधुवाद...सादर.

Comment by Meena Pathak on May 27, 2014 at 4:01pm

बहुत सुन्दर रचना आ० सरिता जी | बहुत बहुत बधाई 

Comment by Sarita Bhatia on May 27, 2014 at 3:45pm

आदरणीय नरेन्द्र जी शुक्रिया 

Comment by Sarita Bhatia on May 27, 2014 at 3:45pm

शुक्रिया जितेन्द्र भाई 

Comment by Sarita Bhatia on May 27, 2014 at 3:45pm

आदरणीय गोपाल नारायन जी हार्दिक आभार ....सादर 

Comment by Sarita Bhatia on May 27, 2014 at 3:44pm

आदरणीय श्याम जी शुक्रिया 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 27, 2014 at 11:55am

बहुत सुंदर प्रभावशाली रचना, बधाई आदरणीया सरिता जी

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on May 27, 2014 at 11:49am

सरिता जी i अच्छी रचना के लिए बधाई i

Comment by Shyam Narain Verma on May 26, 2014 at 5:03pm
सुन्दर भाव पूर्ण रचना के लिये आपको बधाइयाँ ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
10 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service