For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दूब का चरित्र देखो, आम जन जैसा है,// जवाहर

दूब का चरित्र

दूब का चरित्र देखो, आम जन जैसा है,

सुख दुःख से विरक्त, संत मन जैसा है.

झुलसे न ग्रीष्म में भी, ओस को सम्हाल रही  

ढांक ले मही को मुदित, पहली बौछार में ही

दूब अग्र तुंड को, चढ़ावे विप्र पूजा में,

जैसे हो नर बलि, स्वांग यह कैसा है ! दूब का चरित्र देखो, आम जन जैसा है,

गाय चढ़े, चरे इसे, बकरियों भी खाती है,

खरगोश के बच्चे को, मृदुल दूब भाती है.

क्रीडा क्षेत्र में भी, बड़े श्रम से पाली जाती है

देशी या विदेशी मैच, कुचली यही जाती है.

आम जन की गति, ऐसी ही होती है,

पिसे हर हाल में, प्रबंधन यह कैसा है. दूब का चरित्र देखो, आम जन जैसा है,

गर्मी दुपहरी में भी ये हरी होती है

पहली फुहार पड़ते ही बड़ी होती है.

लोग बाग़ जाएँ, तब रास्ता बन जाता है

अगर जाना छोड़ दें, बिछौना बन जाता है

कुचलकर भी मुस्कुराए, जड़ दृढ़ कहलाये,

वंश वृधि का प्रतीक, सूक्ष्म चलन कैसा है. दूब का चरित्र देखो, आम जन जैसा है,

खेतों खलिहानों में, दूब साफ़ होती है

खेतों की मेड़ों पर, दूब पास होती है

दूब अगर डूब जाय, चिंता नहीं करना

पानी निकलते ही, फिर से हरी होती है.

दुःख से न घबराये, घुटकर भी जीता रहे,

देखते सभी हैं, अदम्य घुटन जैसा है .. दूब का चरित्र देखो, आम जन जैसा है,

पर्यावरण माह में, करने हो अगर स्वांग सिर्फ  

वातानुकूलित कक्ष में भी, दूब लगा सकते है.

मिट्टी संग दूब को, पत्थर पे बिछा सकते हैं.

पत्थर पर दूब उगा, मुहावरा बदल सकते हैं.

आम जन को भी, यह दूब सीख देती है.

बिना कुछ चूं-चपर, सब कुछ सह लेती है.

जितना भी हो विकास, आम ‘आम’ ही रहेगा

चूसे हुए रस की भांति, गुठली कहीं बहेगा  

उगे नए पेड़ कहीं, या फिर ये सड़ जाय

मिलेंगे ही आम बहुत, विशद विश्व ऐसा है.. दूब का चरित्र देखो. आम जन जैसा है,

.

(मौलिक व अप्रकाशित)

जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर  

 

Views: 653

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on July 19, 2014 at 8:30pm

आदरणीया मंजरी जी सादर अभिवादन!

आपकी सार्थक प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार!

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on July 19, 2014 at 8:28pm

आदरणीय आशुतोष मिश्र जी, सादर अभिवादन!

सकारात्मक प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार!

Comment by mrs manjari pandey on July 17, 2014 at 8:18pm
आदरणीय जवाहरलाल जी डूब का क्या सजीव चित्रण किया है। कितना उसे जिया होगा आपने। बहुत बहुत बधाई
Comment by Dr Ashutosh Mishra on July 15, 2014 at 4:08pm

आदरनीय जवाहर जी डूब को प्रतीक बनाकर इसके तमाम पहलुओं से तो रूबरू कराया ही आम जन जीवन संघर्ष को भी भली भाँती परिभाषित किया ..आपकी इस शानदार रचना पर हार्दिक बधाई सादर 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on July 14, 2014 at 8:13pm

हार्दिक आभार आदरणीय जितेन्द्र गीत जी!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 13, 2014 at 9:52am

बहुत सुंदर , सच! बहुत ही सजीव चित्रण किया आपने दूब का. बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय जवाहर जी

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on July 12, 2014 at 7:22pm

आदरणीय डॉ गोपाल नारायण साहब, सादर अभिवादन!

हौसला आफजाई का शुक्रिया एवं आभार!

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on July 12, 2014 at 7:21pm

श्रद्धेय श्री संतलाल जी, सादर अभिवादन! आपने मेरा हौसला बढ़ाया, मन खुश हो गया, आपका बहुत बहुत आभार! 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on July 12, 2014 at 7:19pm

आदरणीय डॉ. विजय शंकर साहब, सादर अभिवादन!

उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका हार्दिक आभार!

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 12, 2014 at 10:55am

पढ़कर ऐसा लगा दूब कही आस पास ही है i एकदम  ताजा i हँसता हुआ i  सुन्दर गीत i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"बहुत बेहतरीन ग़ज़ल। एक के बाद एक कामयाब शेर। बहुत आनंद आया पढ़कर। मतले ने समां बांध दिया जिसे आपके हर…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
23 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
Monday
Shabla Arora updated their profile
Monday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service