For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ताकि गुजर ना जाए गोधरा


दोस्तों, गुजरात में 2002  में हुए गोधरा काण्ड में विशेष अदालत ने 11  लोगों को मौत और 20 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई  है. आप सब जानते हैं तब गोधरा और गुजरात में क्या हुआ था. इसी विषय पर मेरी अभिव्यक्ति गौर फरमाएं :  
 

डब्‍ल्‍यू एच आडिन एक शायर था,
उसने कहा था
अगर हम एक-दूसरे से प्‍यार नहीं करेंगे
तो मर जाएंगे।
मैं भी इस बात को मानने लगा था
पर अब असहमत होना चाहता हूं।

जंगल से शहर की यात्रा में
बहुत पाया आदमी ने।
चार की जगह दो पैर पर चलना सुहाया आदमी को।
पर बाकी है कहीं हैवानियत का अंश कोई
नहीं तो खींच लाता आदमीयत के शिखर से आदमी को।

अगर आपको याद हो,
साबरमती एक्‍सप्रेस में भी आदमीयत मरी थी
तब भी मरी थी आदमीयत जब...
मां की गोद से बच्‍ची को छीनकर
संगीन पर उछाल दिया गया था,
और तब भी आदमीयत ही मरी थी
जब नाम पूछ कर सर कलम कर दिया गया था
रामभरोसे और यकीन अली का,
कभी गुजरें आप गोधरा से तो देख सकते हैं यह सब।

क्‍या सचमुच देख सकेंगे आप वह सब
जो सहा था गोधरा ने ?
सत्‍तावन लोगों को जिंदा जला दिया जाना
बच्‍चों के आंखों की दहशत और औरतों की चीख
क्‍या सुन पाएंगे आप?

रामभरोसे की पत्‍नी की आंखों के सूख गए आंसू
यकीन अली के मां की पथराई आंखें
शायद न दिखे आपको
क्‍योंकि बहुत पुरानी हो चुकी यह बात
क्‍योंकि जब आप गुजर रहे होंगे गोधरा से
सो रहे होंगे, सो रही होगी आपकी आदमीयत।

यह सब कुछ दिखेगा तभी
जब जगेगा आपके अंदर का आदमी
इसलिए हो सके तो, जगने दीजिए
अंदर के आदमी को
जब भी ये आदमी जगेगा
तब कोई गोधरा गुजरेगा नहीं इस तरह।

Views: 344

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rash Bihari Ravi on March 2, 2011 at 4:31pm
bahut khubsurat bahut badhia man ko jhakjhornewal
Comment by Akhileshwar Pandey on March 2, 2011 at 3:28pm
गणेश जी और वंदना जी आप दोनों का शुक्रिया.

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on March 2, 2011 at 3:18pm
अखिलेश्वर पाण्डेय जी आपकी लेखनी को नमन, एक सिहरन सी दौड़ गई रग रग में , दानव आज भी जिन्दा है मानव के भेष में , वोह ! बेहद सटीक चित्रण किया है आपने | इस रचना हेतु कोटिश: धन्यवाद स्वीकार करे |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"सम्माननीय shukla ji सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए। ग़ज़ल तक आने व प्रतिक्रिया हेतु आपका आभार।"
23 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। ख़ुद को अशरफ़ वो समझे तो…"
26 minutes ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय संजय जी नमस्कार तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने बधाई स्वीकार करें । दूसरे शेर मे किस…"
1 hour ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"गर बढ़ाने पे आये वक़ार आदमी  बेच देगा ज़मीर और प्यार आदमी /1 अजनबी शहर में लाश सड़ती…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA जी आदाब। ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार करें। 212 212 212…"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार…"
2 hours ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय दिनेश जी तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने बधाई पेश है । तीसरे एवं चौथे शेर में अब भी को…"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी आदाब। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार…"
3 hours ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी अच्छी गजल के लिये आपको दिली मुबारकबाद । तीसरा शेर खास पसंद आया । हां मतले…"
3 hours ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय आमीरुद्दीन साहब ग़ज़ल के लिये मुबारकबाद कुबूल करें । तीसेर शेर के सानी में काफिया को देखते…"
3 hours ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय नीलेश नूर जी अच्छी ग़ज़ल से मुशाइरे का आगाज़ करने के लिये शेर दर शेर बधाई पेश है तीसरा चौथा…"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय धामी जी सादर नमस्कार। दूसरा शे'र अच्छा लगा। ग़ज़ल के प्रयास हेतु बधाई"
4 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service