For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुशनसीब (लघुकथा)

दोनो बचपन की सहेलियाँ शादी होने के बहुत दिनो बाद मिली थीं. सारे दुःख-दर्द बाँटे जा रहे थे.
"मैं बहुत खुशकिस्मत हूँ जो उनके जाने के बाद मुझे रोहन जैसे पति का साथ मिला जो हरपल मेरा ख्याल रखता है." पहली सहेली के चेहरे पर मुस्कान थी।.
"एक पति मेरा है, आधी रात के बाद पी के आता है, और मार-पीट के सो जाता है, ये दारु उसे कहीं ले भी तो नही जाती.
दूसरी की आँखों से बरबस ही आँसू छलक पड़े!

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 723

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pawan Kumar on November 15, 2014 at 11:54am

आदरणीया डा0 प्राची सिंह जी सादर अभिवादन, इस प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, भविष्य में कोशिश करुँगा की रचना मुकम्मल हो सके, हार्दिक आभार!

Comment by Pawan Kumar on November 15, 2014 at 11:53am

आदरणीय गिरिराज भण्डारी जी सादर अभिवादन, उत्साहवर्धन हेतु बहुत बहुत धन्यवाद!

Comment by Pawan Kumar on November 15, 2014 at 11:53am

आदरणीय सोमेश कुमार जी सादर अभिवादन, प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार!

Comment by Pawan Kumar on November 15, 2014 at 11:53am

आदरणीय राम शिरोमणि पाठक जी सादर अभिवादन, प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार!

Comment by Pawan Kumar on November 15, 2014 at 11:53am

आदरणीया राजेश कुमारी जी सादर अभिवादन, रचना की प्रशंसा व उत्साहवर्धन हेतु बहुत बहुत धन्यवाद!

Comment by Pawan Kumar on November 15, 2014 at 11:53am

आदरणीय आलोक मित्तल जी सादर अभिवादन, प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार!

Comment by Pawan Kumar on November 15, 2014 at 11:53am

आदरणीय जितेन्द्र भईया सादर अभिवादन, उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार!

Comment by Pawan Kumar on November 15, 2014 at 11:52am

आदरणीय अरुन कुमार निगम जी सादर अभिवादन, प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभार!

Comment by Pawan Kumar on November 15, 2014 at 11:52am

आदरणीय डा0 गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी सादर अभिवादन, आपकी टीप्पणी से आत्मबल मिलता है जिसकी आवश्यकता बनी रहती है, सस्नेह उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार!

Comment by Pawan Kumar on November 15, 2014 at 11:51am

आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सादर अभिवादन, भविष्य में कोशिश करुँगा की उस महीन रेख की पहचान करुँ, इसी तरह मार्गदर्शन बनाये रखिएगा, उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-129 (विषय मुक्त)
"स्वागतम"
20 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"बहुत आभार आदरणीय ऋचा जी। "
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार भाई लक्ष्मण जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है।  आग मन में बहुत लिए हों सभी दीप इससे  कोई जला…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"हो गयी है  सुलह सभी से मगरद्वेष मन का अभी मिटा तो नहीं।।अच्छे शेर और अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई आ.…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"रात मुझ पर नशा सा तारी था .....कहने से गेयता और शेरियत बढ़ जाएगी.शेष आपके और अजय जी के संवाद से…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. ऋचा जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. तिलक राज सर "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. जयहिंद जी.हमारे यहाँ पुनर्जन्म का कांसेप्ट भी है अत: मौत मंजिल हो नहीं सकती..बूंद और…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"इक नशा रात मुझपे तारी था  राज़ ए दिल भी कहीं खुला तो नहीं 2 बारहा मुड़ के हमने ये…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय अजय जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी ख़ूब शेर कहे आपने बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास किया आपने बधाई स्वीकार कीजिए  सादर"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service