For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चोट दिल पे लगी है दवा दो मुझे
याद आये न उसकी दुआ दो मुझे

प्‍यार जिससे किया छुप गया वो कहीं
ऐ हवा तुम ही उसका पता दो मुझे

मर न जायें कहीं प्‍यार के दर्द से
दर्द कैसे सहें तुम सिखा दो मुझे

हर खुशी आपको तो दिया हूँ मगर
दिल दुखाया कभी तो सज़ा दो मुझे

अब जुदाई न मुझसे सही जाती है
मौत की नींद आकर सुला दो मुझे

मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी

Views: 664

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Akhand Gahmari on December 25, 2014 at 9:28am

आर्शीवााद एवं मार्गदर्शन के लिये आपको  हार्दिक नमन आदरणीया मीना पाटेकर जी

Comment by Akhand Gahmari on December 25, 2014 at 9:28am

आर्शीवााद एवं मार्गदर्शन के लिये आपको  हार्दिक नमन आदरणीय श्‍याम नारायण वर्मा जी

Comment by Akhand Gahmari on December 25, 2014 at 9:28am

आर्शीवााद एवं मार्गदर्शन के लिये आपको  हार्दिक नमन आदरणीय हरि प्रकाश दूबे जी

Comment by Akhand Gahmari on December 25, 2014 at 9:27am

आर्शीवााद एवं मार्गदर्शन के लिये आपको  हार्दिक नमन आदरणीय सोमेश कुमार जी

Comment by Akhand Gahmari on December 25, 2014 at 9:26am

आर्शीवााद एवं मार्गदर्शन के लिये आपको  हार्दिक नमन आदरणीय गुमनाम जी

Comment by Akhand Gahmari on December 25, 2014 at 9:26am

आर्शीवााद एवं मार्गदर्शन के लिये आपको  हार्दिक नमन आदरणीय मिथिलेस बामनकर जी

Comment by Akhand Gahmari on December 25, 2014 at 9:25am

आर्शीवााद एवं मार्गदर्शन के लिये आपको  हार्दिक नमन आदरणीय डा0 विजय शंकर जी

Comment by Akhand Gahmari on December 25, 2014 at 9:25am

आर्शीवााद एवं मार्गदर्शन के लिये आपको  हार्दिक नमन आदरणीय राहुल जी

Comment by Akhand Gahmari on December 25, 2014 at 9:24am

आर्शीवााद एवं मार्गदर्शन के लिये आपको  हार्दिक नमन आदरणीय हरिवल्‍लभ शर्मा जी

Comment by Akhand Gahmari on December 25, 2014 at 9:24am

आर्शीवााद एवं मार्गदर्शन के लिये आपको  हार्दिक नमन आदरणीयEr. Ganesh Jee "Bagi  जी, आप के उपयोगी सुझाव एवं मार्गदर्शन को पुन: नमन 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय रवि भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो  कर  उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आ. नीलेश भाई , ग़ज़ल पर उपस्थिति  और  सराहना के लिए  आपका आभार  ये समंदर ठीक है,…"
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"शुक्रिया आ. रवि सर "
12 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. रवि शुक्ला जी. //हालांकि चेहरा पुरवाई जैसा मे ंअहसास को मूर्त रूप से…"
12 hours ago
Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"वाह वाह आदरणीय नीलेश जी पहली ही गेंद सीमारेखा के पार करने पर बल्लेबाज को शाबाशी मिलती है मतले से…"
12 hours ago
Ravi Shukla commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय शिज्जु भाई ग़ज़ल की उम्दा पेशकश के लिये आपको मुबारक बाद  पेश करता हूँ । ग़ज़ल पर आाई…"
12 hours ago
Ravi Shukla commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय अमीरूद्दीन जी उम्दा ग़ज़ल आपने पेश की है शेर दर शेर मुबारक बाद कुबूल करे । हालांकि आस्तीन…"
12 hours ago
Ravi Shukla commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय बृजेश जी ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिये बधाई स्वीकार करें ! मुझे रदीफ का रब्त इस ग़ज़ल मे…"
13 hours ago
Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"वाह वाह आदरणीय  नीलेश जी उम्दा अशआर कहें मुबारक बाद कुबूल करें । हालांकि चेहरा पुरवाई जैसा…"
13 hours ago
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय  गिरिराज भाई जी आपकी ग़ज़ल का ये शेर मुझे खास पसंद आया बधाई  तुम रहे कुछ ठीक, कुछ…"
13 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आ. गिरिराज जी मैं आपकी ग़ज़ल के कई शेर समझ नहीं पा रहा हूँ.. ये समंदर ठीक है, खारा सही ताल नदिया…"
13 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. अजय जी "
15 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service