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कुछ मेरे शेर

(1)

मै तेरे खयालो मै खोया हु अकसर
तू रातो को मुझको सताने लगी है
तू   छोड़   ना   देना   साथ   मेरा
तू खुद से ज्यादा याद आने लगी है

 

(2)

उसको देखू तो लगे चाँद को देखा
मेने आज फिर मेरे भगवान को देखा
उसकी आँखों मै थी सुबह सी चमक
उसकी जुल्फों मै,मैंने शाम को देखा

(3)

वो गिर कर के सँभलने की कोशिश तो करता है
खो जाने पर पाने की ख्वाहिश तो करता है
वो दोस्ती नहीं कर सका तुझसे तो क्या हुआ
प्यार नहीं करता वो तुझसे रंजिश तो करता है

(4)

दर्द   दिल   मै  हे  तो  दावा  भी  मिल जाएगी
बेवफाई से परेशा हो तो वफ़ा भी मिल जाएगी
अपने अरमानो की पतंग को उडाओ तो सही
आंसमा तक पहुचते ही हवा भी मिल जाएगी

(5)

इश्क चाहते हो तो इश्क  किया करो
दर्द औरो का भी दिल मै लिया करो
लाख मिटाने से नहीं मिटता नाम मोहबत हे
सोच यही रख कर के दिल मै जिया करो

(6)

जिन्दकी जिये है हम जिन्दा लाश की तरह
दूर हे हम से वो तपन आकाश की तरह
ख्वाहिशे उसकी भी कभी पूरी ना  हो
कभी तो बिखरे उसकी हसरत ताश की तरह

शायर - तपन दुबे

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Comment by Tapan Dubey on March 14, 2011 at 12:13pm
धन्यवाद वन्दनाजी आशीषजी
Comment by आशीष यादव on March 13, 2011 at 10:07am
KUBSURAT SHER

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