देखो कानून की परिभाषा कैसे बदल जाती है,
नेताओं को बेल और गरीब को जेल हो जाती है ।
यहाँ धनवानों का सारा ऋण माफ हो जाता है,
किसान की ज़िंदगी ऋण में ही साफ हो जाती है ।
किसी बात पर यूं ही कभी इतबार मत करना,
घट जाए कोई घटना तो तकरार मत करना ।
विश्वास और धोखा एक ही सिक्के दो पहलू है,
एक जीने का मकसद और दूसरा छीन लेता है ।
चंदा और रोशनी एक दूजे के संग में घूम रहे ,
पर दिन में एक दूसरे के विरुद्ध जंग लड़ रहे ।
गरीब का आरक्षण कुछ के आँखों में चुभता है,
धर्म की आड़ में बैठ गरीबों का खून चूसता है ।
झूठ बोल लोगों को स्वर्ग का टिकट बाँटता है,
खुद लोगों को ठगकर स्वर्ग का मजा उड़ाता है ।
अपने को सर्वश्रेष्ठ और दूसरे को नीचा कहता है,
एक आविष्कार की सफलता के लिए तरसता है ।
आज वेदों की महिमा सारे संसार को सुनाता है,
शांति सद्भाव दया के लिए बुद्ध का नाम जपता है ।
हर क्षेत्र में खुद का आरक्षण दिखाई नहीं देता,
देश की सम्पदा पर अधिकार मालूम नहीं देता ।
छोटी सरकारी नौकरी में आरक्षण बात करता,
संसद, कोर्ट, मंदिर की कभी बात नहीं करता ।
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