For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ईमानदारी (लघु कथा)

एक ही क्लास में पढ़े हुएI साथ साथ रहते बड़े हुएI मेरे दोस्त ने बेईमानी का रास्ता चुना और नजदीक के शहर में रहते हुए राजनेता बना और में ईमानदारी से गरीबी से लड़ते हुए टीचर बनाI लेकिन दोस्त की अच्छी बात ये रही की वो आज भी मुझसे बातें करता हैI और हर संभव मदद भी करता हैI और अपने शहर में आने का न्योता भी देता हैI आज उन से मिलने का प्लान बना लियाI बजाज का स्कूटर को बीस पच्चीस किक मारकर गर्म किया और अपनी भाग्यवान से धक्का मरवा कर चालू कियाI जैसे ही दोस्त के शहर पंहुचाI एक चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस ने रुकवाया और स्कूटर को एक तरफ कियाI

आव देखा ना ताव जल्दी से पाँच सौ का चालान बना कर थमा दियाI

ये क्या है? मैने पूछाI

मेरे पास हेलमेट, आर.सी. बुक, इंश्योरेंस, पी. यू. सी. नंबर प्लेट सब है तो चालान किस बात का?

पुलिस वाला झल्लाते हुए - क्योंकि आप ओवर स्पीड से चल रहे थेI

अब तो मुझे चक्कर आ रहे थे, क्योकि ये स्कूटर कभी तीस से ज्यादा चलता ही नहीं हैI उस के बाद मेने मेरी पूरी ईमानदारी की कहानी सुनाईI फिर भी नहीं मानाI तभी देखा एक बी.ऍम.डब्लू फर्राटा मारती वहाँ से निकली एका एक पुलिस वाले का हाथ ललाट की तरफ बढ़ गयाI

रहा नहीं गया इसलिए पूछ बैठा - बड़े साहिब थे क्या?

नहीं नहीं शहर के बड़े बिजनेसमैन थे, और तू ज्यादा बातें मत बना पैसे निकाल - तपाक से उत्तर मिलाI

अब तो कोई चारा नहीं थाI दोस्त को फ़ोन घुमाया, सोचा आज पता करते है कितनी धाक हैI जैसे ही फ़ोन उठाया, कहानी समझाकर पुलिस वाले के कान पर लगा दियाI अब तो मेरे कानों तक गालियां सुनाई दे रही थीI जैसे ही फ़ोन रखा धक्का मारकर स्कूटर को चालू करवाया और अगले चौराहे तक छोड़ कर गयाI और जाते जाते बोला - थोड़ा स्पीड में चलाया करोI

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 598

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by harikishan ojha on October 19, 2016 at 1:03pm

आ. शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी  आप ने बारीकी से कथा को पढ़ा बहुत अच्छा लगा, आप का बहुत बहुत धन्यवाद  

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 18, 2016 at 9:29pm
'स्पीड' वाले ही ट्रैफ़िक पुलिस को चकमा दे पाते हैं, ईमानदार नहीं! कुछ आदतन भ्रष्ट ट्रैफ़िक पुलिस वालों के रुटीन को चित्रित करती बढ़िया प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत हार्दिक बधाई आपको आदरणीय हरिकिशन ओझा जी। संवादों में इन्वर्टेड कौमा का उचित प्रयोग अनिवार्य है। कहीं कहीं वाक्य-विन्यास भी प्रभावशाली नहीं हो सका है, सम्पादन की आवश्यकता लगती है। सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .

दोहा पंचक  . . . .( अपवाद के चलते उर्दू शब्दों में नुक्ते नहीं लगाये गये  )टूटे प्यालों में नहीं,…See More
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service