For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आँसू  ----

आँसू नहीं छंद होते हैं

आँसू नहीं नियम होते हैं
भावों की अनुभूति है आँसू
कभी ख़ुशी कभी गम होते हैं..
मैंने देखे सुख के आँसू
हंसते गाते झिलमिल आँसू
दुःख मे भी देखे हैं आँसू
रोते-रोते दर्दीले आँसू ..
बेटी की विदा बेला पर
छलक पड़े आँखों के आँसू
गौरव के पल आने पर भी
बह निकले आँखों से आँसू ..
कभी किसी की मृत्यु पर भी
खूब बहाए मैंने आंसू
शिशु जन्म के अवसर पर भी
रुक न सके आँखों मे आँसू ..
कभी दरिया बनाते हैं आँसू
मोती सम पलकों मे आँसू
जार-जार रोते हैं आँसू
बार-बार आते हैं आँसू .
एक बार दिल के रोने पार
सुख गए आँखों के आँसू
फिर मार लगाने पर ही
छलक सके आँखों से आँसू .
नयन सुख की आँखों मे आँसू
सूरदास के बहते आंसू
ऊँच -नीच का भेद न करते
नर-नारी के आते आँसू ..
प्रयेसी की चाहत है आँसू
माँ नयनो मे ममता आँसू
बहनों का दुलार भी आँसू
जीवन का हर रंग है आँसू .

डॉ अ कीर्तिवर्धन
९९११३२३७३२

Views: 342

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 14, 2012 at 3:19pm

आंसू तेरे रूप अनेक, आंसू की एक जैसी बुँदे पर कारण अनेक, वाह रे कुदरत, बहुत सारी अनबुझ पहेलियाँ आज भी है जिसे समझने में कई सौ बरस लग सकते है, कुदरत सबसे बड़ा अभियंता है |

बधाई इस खुबसूरत रचना पर |


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 14, 2012 at 10:07am

बहुत बही यह रचना .. आँसू बन कर.  आँसू के इस प्रतीक पर आपने बहुत कुछ कहा है, कीर्तिवर्द्धनजी.

सधन्यवाद.

Comment by Abhinav Arun on January 13, 2012 at 8:44pm

आपके इस "आंसू" गान ने

इस शब्द के विविध आयामों से उसके भावों से परिचित कराया आदरणीय किर्तिवर्धन जी | हार्दिक बधाई इस सशक्त रचना हेतु |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
2 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
5 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
5 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
5 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
5 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service