For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

होली की मुबारकबाद के साथ आप के लिए चन्द दोहे
 
सहजन फूला साजना,महुआ हुआ कलाल
मौसम दारु बेचता,हाल हुआ बेहाल
 
गेंहू गाभिन गाय सा,चना खनकते दाम
महुआ मादक हो गया,बौराया है आम
 
गौरी है कचनार सी,नैनों भरा उजास
पिया बसंती हो गए,आया है मधुमास
 
फगुनाया मौसम हुआ,अलसाया सा गात
चौराहे होने लगी तेरी मेरी बात
 
सतरंगी है ओढ़नी,पचरंगी है पाग
जीवन चाहे रेत हो मनवा खेले फाग 
 
हवा सीटियाँ मारती,मद बरसे आकाश 
रस्ते चलते छेड़ता,आवारा मधुमास
 
 मेघदूत तो है नहीं,कुरजां ले सन्देश
जिस के रंग राची फिरूं वो क्यों है परदेश
 
फागुन छोटा देवरा,फिर फिर छेड़े आय
मनवा बैरी हो गया,तन में अगन लगाय
 
भाभी बौरायी फिरे,साली भी दे ताल
मीठी मीठी छेद से,मनवा हुआ निहाल
 
इस फागुन की रात में चांद रहा भरमाय
चढ़ा करेला नीम पे,करिये कौन उपाय
 
चान्दी सी है चांदनी,सोने सी है रेत
अळगोजा बरसा रहा हेत,हेत और हेत 
 
फागुन बाराती हुआ,तन थिरके सुर ताल 
आँख निमंत्रण पत्र सी,मन जैसे वर माल 
 
मनवा खिला पलाश है,तन टेसू का फूल 
पगलाये माहौल में,कर भूलों पर भूल  

Views: 434

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ASHVANI KUMAR SHARMA on April 5, 2011 at 9:27am
ratnesh ji thanx for liking
Comment by ASHVANI KUMAR SHARMA on April 5, 2011 at 9:26am
vivek ji abhaari hun
Comment by विवेक मिश्र on March 30, 2011 at 7:38pm
बहुत ही अर्थपूर्ण दोहे हैं अश्वनी जी. हार्दिक बधाई.
Comment by ASHVANI KUMAR SHARMA on March 26, 2011 at 11:56pm

ravi ji aur preetam ji pasand karane ke liye abhaar

 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
9 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
18 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
20 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
20 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
21 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
21 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
21 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
21 hours ago
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
21 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय Dayaram Methani जी, लघुकथा का बहुत बढ़िया प्रयास हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"क्या बात है! ये लघुकथा तो सीधी सादी लगती है, लेकिन अंदर का 'चटाक' इतना जोरदार है कि कान…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service