For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लालू प्रसाद यादव बिहार के उन चमकते सितारों में से हैं, जिनकी देन हमारा बिहारी समाज हमेशा याद रखेगा. दलित वर्ग में जन्में लालू प्रसाद यादव भले ही आज इतिहास के पन्नों में समा जाये और बिहार नई दिशाओं की ओर बढ़ चले, पर यह शाश्वत सत्य है कि लालू प्रसाद यादव की दी हुई नीवों के बगैर नितीश कुमार अपना महल खड़ा नहीं कर पाते.

लालू प्रसाद दलित जाति और मध्यम वर्ग के होने के कारण समाज में व्याप्त सामंती जुल्मों, गरीब-दलितों पर सदियों से ढाये जा रहे जुल्मों की दास्तान से अवगत रहे हैं, इसलिए उन्होंने समाज के सबसे दमित तबकों के मुंह में अपनी आवाज दी. उन्होंने प्रशासनिक अफसरों के मनमनी पर थप्पर लगाया और खुलेआम सामंती तबकों जो एकहद तक राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण के जैसे सामंती जुल्मियों के केन्द्र पर हमला किया और गरीब-असहाय को उसके खिलाफ उठ खड़े होने में काफी हद तक राजनैतिक तौर पर मदद दी. जिन प्रशासनिक अफसरों के सामने आम गरीब इंसान खड़ा नहीं हो सकता था उनको उन्होंने सरेआम थप्पर लगाकर आम गरीब इंसानों के बीच एक संदेश दिया, जिसकारण एक हद तक अफसरों की मनमानी के खिलाफ आम जनता ने उठ खड़े होने का साहस किया. जिस कारण सवर्ण तबकों ने उनके खिलाफ एक बिगुल सा फंूक दिया. ऐन समय पर जिनके लिए लालू प्रसाद यादव ने अपना महत्वपूर्ण ताकत लगाया उन्होंने भी उन सवर्णों की हां में हां मिला कर लालू प्रसाद यादव पर हमला किया या फिर मौन साध लिया. लालू प्रसाद ने जिन लोगों के मुंह में आवाज दी उन्होंने भी उनका साथ न निभाया और उनके विरोधियों से मिल गये. रेलमंत्री के तौर पर उनके देनों ने सरकारी तंत्र को हिलाकर रख दिया है. उनके देनों को ‘चमत्कार’ के नाम पर फर्जी करार दे रहा है. अभी तक उनमें पोजिटिव खोजने के बजाय उन्हें कैसे बदनाम किया जाय इस पर सरकार मशक्कत कर रही है. कौन नहीं जनता हर बजट सत्र के बाद रेल भाड़ा बढ़ाने के नियम को लालू यादव ने न सिर्फ खत्म किया वरन् अपने आप में ऐतिहासिक कारनामा करते हुए रेल भाड़ा को यथासंभव घटाया. जिस कारण आज भी भ्रष्ट मंत्रियों को रेलभाड़ा बढ़ाने में बगलें झांकना पड़ रहा है और लालू के उक्त कदम को बदनाम करने के लिए अनाप-शनाप रिर्पोटें तैयार करता है. कौन नहीं जानता की जीवन के लिए बुनियादी बन चुके मोबाईल को चार्ज करने के लिए रेलवे स्टेशनों पर बाॅक्स बनाये गये जिसमें दूर दूर के ग्रामीण जहां बिजली की सुविधा नहीं थी, और प्रति मोबाईल चार्ज करने के लिए दस रूपया भुगतान करना पड़ता था, के लिए बरदान बन कर आया. उनकी मोबाईल चार्ज करने की पीड़ा को वह नहीं समझेगा जिन्हें मोबाईल चार्ज करने में मशक्कत नहीं करनी पड़ती क्योंकि उनके यहां चमचमाती बिजली दौड़ती रहती है. सूदूर ग्रामीण इलाकों के लिए लालू की योजना उन हजारों-लाखों लोगों को राहत की सांस दी. इसके अलावे यात्रा के दौरान मोबाइल चार्ज करने के लिए यात्रियों को भी राहत प्रदान कर गया जिन्हें मोबाईल चार्ज करने के लिए दुकानदारों की चिरौरी करनी पड़ती थी और उन्हें मूंहमांगा पैसा दिया जाता था. वगैरह. इन्हीं छोटे-छोटे कामों को करने वाले लालू प्रसाद यादव उन बड़बोलों से कहीं ज्यादा उंचे हैं जो हवा में महल खड़ा करने का ख्वाव लोगों को दिखाते है और जनता के खून पसीने की कमाई को लूटते हैं. लालू प्रसाद के इसी तरह अनेक देनों को इतिहास की सच्चाई से नहीं मिटाया जा सकता. आखिर कालिख लगाने के बाद भी सच्चाई अपनी छाप छोड़ जाती है. यह सच्चाई उन सूदूर ग्रामीण इलाकों के गरीबों के दिमाग से नहीं हटाया जा सकता परन्तु वे उन्हीं सामंतों के अफवाहों के शिकार हो गये हं जो उन पर अत्याचार किया करता था और वे नासमझी में उन्हीं के खिलाफ हो गये जिन्होंने उन अत्याचारियों से उन्हें बचाने की कोशिश की थी.

इतिहास की सच्चाई है चारा घाटाले पर जितनी हाय-तौबा मचाई गयी, उससे ज्यादा खतरनाक हवाला घोटाले के अभियुक्त लाल कृष्ण आडवाणी पर नहीं मचाई गई. कहीं न कहीं यह राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण ग्रंथी सामने आई. कौन नहीं जानता कि भारत के सर्वोच्च पदों एवं अखबारों में इन्हीं सवर्णों की धूम मची है.

जमींदारों सामंतों का एक प्रसिद्ध नीति है: दमितों को दो पैसा दे दो, पर दो बुद्धि मत दो. लालू प्रसाद ने इसे उलट दिया. उन्होंने दमितों को बुद्धि दे दिया पर पैसा अपने पास रख लिया. उनसे भी अपार गलतियां हुई है परन्तु ये गलतियां उनके देनों के सामने दूसरे राजनेताओं के तुलना में कहीं भी नहीं ठहरती है.

Views: 800

Reply to This

Replies to This Discussion

सही को सही और ग़लत को ग़लत कहा जाए तो अफ़सोस नही होता . मगर आप कह रहे हैं की लालू की नींव पर नीतीश इमारत खड़ा कर रहे हैं तो ज़रा ये भी बताते चलिए की कौन कौन सी नींव लालू जी ने खड़ी की थी,
खैरआप छोड़िए मैं ही बता देता हूँ
1- अपहरण की ,
2- हत्या की ,
3- रंगदारी की
4- घोटालों की
5 अशिक्षा की
6- बूथ लुटेरों की फौज खड़ा करने की

इसके अलावा कोई भी अच्छा काम तो उन्होने मेरे नज़र मे नही किया है ,हाँ शायद आपके नज़र मे किया होगा , क्यूंकी जहाँ तक मैं जनता हूँ आज से 10 साल पहले तक बिहार का साक्षरता प्रतिशत 47.6 % था , अभी 60 % से उपर पहुँच चुका है ,

मेरे नज़र मे नीतीश के शासन मे ये काम हुए हैं जो शायद ग़लत ही हुए हैं 

1-बिहार के चीनी मिल ,

2-बिजली परियोजनाएँ ,

3-नये उद्योग धंधों के लिए भूमि अधिग्रहण ,

4-गावों को सड़क से जोड़ने का अभियान ,

5-कन्या शिक्षा योजना ,

6-नये शिक्षकों की बहाली ,

7-पुलिस विभाग मे नयी बहलियाँ ,

8-जनता का दुख दर्द समझने के लिए जनता दरबार लगाना ,

9-शहरी विकास के लिए नयी योजनाए लाना ,

10-विभिन्न क्षेत्रों मे औरतों की भागीदारी 50 % तक करना ,
अगर इन सभी कार्यों मे से लालू जी ने 20 % भी किया होता तो हम आज दिल्ली मुंबई  मे बैठ कर काम नही कर रहे होते बल्कि बिहार मे ही अपना व्यवसाय कर रहे होते ,

जहाँ तक सर्वनों की बात कर रहे हैं तो वो आज भी अपने बल पर ही खड़े हैं , उन्हे किसी के सहारे खड़ा होने की ज़रूरत महसूस कभी नही हुई , उन्होने कभी किसी को सताया नही है ,बल्कि जब कभी उन हे सताने की कोशिश की गयी तो उन्होने उसका जवाब दिया है ,
आप खुद ही कहते हो की लालू ने पैसा रख लिया तो ज़रा ये भी बताते चलिए की क्या ये पैसा उनके पिताजी ने खैरात मे दिया था ? या हमारा और आपका ही पैसा लेकर वो आज महाराजा बन रहे हैं | केवल बड़ी बड़ी बातें करके दिल को सुकून पहुँचने से नही होता है दोस्त कभी ज़मीन पर उतारकर वहाँ की सच्चाईयों का सामना तो करके देखो कितना सुकून और चैन मिलता है , आज के बिहार की हवा  मे हम चैन से सांस लेने को तो आज़ाद हैं ही , ये बात चाहे कोई माने या ना माने |

भाई आप ये तो लिखना नहीं चाह रहे हो " लालू प्रसाद यादव : एक ऐतिहासक भूल " अगर ये लिखना चाहते हो तो सही हैं ,

 

सही कहा गुरु जी अब मेरी समझ में आया की अभिषेक जी क्या कहना चाह रहे हैं ! वैसे लेख ज्ञानवर्धक है साधुवाद !!

//लालू प्रसाद यादव बिहार के उन चमकते सितारों में से हैं, जिनकी देन हमारा बिहारी समाज हमेशा याद रखेगा.//

 

सही कहा भाई, वाकई वो चमकता सितारा है, मिडिया पीछे पीछे, उनकी छवि जोकर की ज्यादा और राजनेता की कम, गंभीर राजनेता की कभी रही ही नहीं |

 

//यह शाश्वत सत्य है कि लालू प्रसाद यादव की दी हुई नीवों के बगैर नितीश कुमार अपना महल खड़ा नहीं कर पाते.//

 

यह भी सत्य है, उनके राज से जनता यदि त्रस्त ना होती तो नितीश कुमार आते कहा से ?

 

//दलित वर्ग में जन्में लालू प्रसाद यादव//

 

भाई जी यादव कबसे दलित वर्ग में आ गए ? आज भी यादव जाति दबंग पिछड़ी जातियों में से एक है, दलित तो छोड़िये बिहार में यादव अत्यंत पिछड़ी जातियों में भी शामिल नहीं है |

 

//प्रशासनिक अफसरों के सामने आम गरीब इंसान खड़ा नहीं हो सकता था उनको उन्होंने सरेआम थप्पर लगाकर आम गरीब इंसानों के बीच एक संदेश दिया,///

 

जी हां, शायद लालू जी भारतीय क़ानून से ऊपर उठ गए थे, थप्पड़ लगा कर तुरंत न्याय, अदालत से भी ऊपर की अदालत ?

 

साधारण श्रेणी के किरायें में एक रूपया घटा कर सस्ती लोकप्रियता, दूसरी तरफ स्लीपर श्रेणी के टिकट जो अन्य स्टेशन से लिए जा रहे हो उसपर अलग चार्ज, तत्काल कोटा में अधिकतर सीटो को डालकर कृत्रिम आभाव पैदा करना, टिकट दलालों का पौ बारह, सिपाहियों द्वारा ट्रेनों में गरीब यात्री जो साधारण डब्बो में चलते है उनसे अवैध वसूली | 

 

फेहरिस्त लम्बी है, अभी यही तक |

 

रोहित शर्मा जी से अनुरोध है कि साथियों के वाद पर प्रतिवाद रखे |

 

 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
10 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
12 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी प्रदत्त विषय पर आपने बहुत सुंदर रचना प्रस्तुत की है। इस प्रस्तुति हेतु…"
17 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी, अति सुंदर रचना के लिए बधाई स्वीकार करें।"
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"गीत ____ सर्वप्रथम सिरजन अनुक्रम में, संसृति ने पृथ्वी पुष्पित की। रचना अनुपम,  धन्य धरा…"
22 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ पांडेय जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"वाह !  आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त विषय पर आपने भावभीनी रचना प्रस्तुत की है.  हार्दिक बधाई…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ पर गीत जग में माँ से बढ़ कर प्यारा कोई नाम नही। उसकी सेवा जैसा जग में कोई काम नहीं। माँ की…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय धर्मेन्द्र भाई, आपसे एक अरसे बाद संवाद की दशा बन रही है. इसकी अपार खुशी तो है ही, आपके…"
Friday
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

शोक-संदेश (कविता)

अथाह दुःख और गहरी वेदना के साथ आप सबको यह सूचित करना पड़ रहा है कि आज हमारे बीच वह नहीं रहे जिन्हें…See More
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service