For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग्राफो योगा जीवन को गौरवान्वित करने का अत्याधुनिक तकनीक है.मनुष्य के जीवन मे अपार संभावने छीपी होती हैं. प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन को सुखमय बनाना चाहता है. इस सुख की प्राप्ति के लिए किए गये प्रयास के कारण ही आज संसार सुहाना लगता है.
मनुष्य के लिए सर्वाधिक प्रिय है कष्ट विहीन जीवन, सफलता भरी जिंदगी.
यह सफलता या असफलता मनुष्य के अंदर मौजूद शक्ति पर निर्भर करता है. संसार के सभी तत्व मनुष्य के अंदर पाए जाते है. इसलिए कहा गया है- यथा पिंडे तथा ब्रह्माण्डे.
मनुष्य की हर क्रिया उसके अंदर विद्यमान शक्ति का प्रतिफल होती है. जिस व्यक्ति के पास जितनी शक्तिया जागृत होंगी व उसके अनुसार कार्य करेगा.
यह सारी स्थिति मनुष्य के लिखावट या हस्तलेख से प्राप्त होती है. क्योंकि हस्तलेख मानव जीवन का दर्पण होता है. यह उनकी सचाई उगल देता है.
अब ज़रूरत होती है वांछित लिखावट की जिससे अपनी भलाई हो, समाज की भलाई हो आदि .
लिखावट मे बदलाव लाकर वांछित सफलता प्राप्त किया जाता है. यही है ग्राफो योगा. यह जीवन निर्माण का सटीक माध्यम है.
ग्राफो योगा के प्रचार प्रसार के लिए पटना मे ग्राफो योगपीठ की स्थापना की गयी है . ग्राफो योगपीठ लिखावट की विशेष प्रकार की स्थिति से अवगत कराकर मनुष्य जीवन मे बदलाव लाकर जीवन को समृद्ध करने का कार्य कर रहा है.
डॉ. सच्चिदानंद पांडे
ग्राफो योगपीठ
आत्म कथा परिसर ,
सिन्हा लाइब्ररी रोड,
पटना.
9472241557

Views: 450

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ratnesh Raman Pathak on October 25, 2010 at 9:36pm
पाण्डेय जी बहुत ही रोचक जानकारी आपने इस परिवार के साथ बाटा है, इसके लिए दिल से धन्यवाद् देने चाहूँगा .और आपने जो ग्राफो योग के बारे में बताया है कृपया इसे थोडा और विस्तार से बताने का कष्ट करे .जैसे यह है क्या ?लक्ष्य क्या है इसका ?इत्यादि जिस से हम संतुष्ट हो जाये .
रत्नेश रमण पाठक
मेरा सम्पर्क सूत्र है:-9463813580/7814274180

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on October 25, 2010 at 9:03pm
बहुत ही ज्ञानवर्धक लेख आपने दिया है, मुझे लगता है कि यह एक नई विधा है, आदरणीय डॉ. सच्चिदानंद पाण्डेय जी आप से निवेदन है कि यदि ग्राफो योगा का कोई वैज्ञानिक तथ्य भी हो तो OBO परिवार के साथ मे अवश्य बाटे, वैसे मैं भी पटना मे ही रहता हूँ , किसी दिन मिलने कि इच्छा है |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . शृंगार

दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।प्रदत्त विषय पर सुन्दर प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"बीते तो फिर बीत कर, पल छिन हुए अतीत जो है अपने बीच का, वह जायेगा बीत जीवन की गति बावरी, अकसर दिखी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे,  ओ यारा, ओ भी क्या दिन थे। ख़बर भोर की घड़ियों से भी पहले मुर्गा…"
Sunday
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज जी एक अच्छी गजल आपने पेश की है इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई आदरणीय मिथिलेश जी ने…"
Sunday
Ravi Shukla commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश जी सबसे पहले तो इस उम्दा गजल के लिए आपको मैं शेर दर शेरों बधाई देता हूं आदरणीय सौरभ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service