For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मौ  मौलिक व अप्रकाशित

Views: 626

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 14, 2013 at 7:42am

अपनी-अपनी सी कविता है.  बधाई आदरणीया विजयाश्री जी

Comment by vijayashree on April 9, 2013 at 2:54pm

आभार .........डॉ प्राची

         ...........सावित्री राठौर जी

Comment by Savitri Rathore on April 7, 2013 at 12:09am

बड़े सहज-सरल शब्दों में आपने नारी-जीवन की विषम परिस्थितियों का चित्रण किया है,साथ ही एक माँ की पीड़ा को भी स्वर प्रदान किया है।विजयाश्री जी इस मर्मभेदी रचना हेतु आप प्रशंसा की पात्रा हैं।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 5, 2013 at 7:02pm

माँ के बुलावे में एक अलग ही कशिश होती है, जिसे बेटी का ह्रदय शायद न समझ पाए पर एक माँ का ह्रदय बखूबी समझता है...

सुन्दर भावों की अभिव्यक्ति के लिए हार्दिक बधाई आदरणीया विजयश्री जी 

Comment by vijayashree on April 5, 2013 at 4:56pm

मीना पाठकजी शुक्रिया ....मेरी आँखें भी भर आई थी लिखते -लिखते

Comment by vijayashree on April 5, 2013 at 4:54pm

अरुण शर्मा 'अनन्त' जी रचना संज्ञान के लिए शुक्रिया . माँ की याद आना स्वाभाविक है ...माँ का साथ और आशीर्वाद ()तो हमेशा बच्चों के साथ होता है ....वो पास हो या दूर

Comment by Meena Pathak on April 5, 2013 at 4:44pm

आंखें भीग गईं आप की रचना पढ़ कर ... बहुत बहुत बधाई इस मार्मिक रचना के लिए 

Comment by अरुन 'अनन्त' on April 5, 2013 at 4:31pm

आदरेया सादर प्रणाम इस प्रस्तुति पर आपको ढेरों बधाई और कुछ कहूँगा नहीं क्षमता नहीं है कुछ भी कहने की जब भी माँ की बात आती है माँ की बहुत याद आती है, सोंचने समझे कहने की क्षमता ख़तम हो जाती है मस्तिष्क शुन्य हो जाता है.

Comment by vijayashree on April 5, 2013 at 4:14pm

Ashok Kumar Raktale जी , ram shiromani pathak जी ,vijay nikore जी , Laxman Prasad Ladiwala जी , Kewal Prasad जी , SANDEEP KUMAR PATEL जी .....रचना संज्ञान और के लिए शुक्रिया .

 

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 5, 2013 at 1:04pm

आदरणीया बहुत सुन्दर मार्मिक रचना, हम कहते हैं बेटियों को पराया न कहो मगर तब यही बातें बेटी को पराया बना देती हैं. फिर माँ तो कह कर बुला भी लेती है. पिता शायद कह भी नहीं पाते.बधाई स्वीकारें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। रोटी पर अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
38 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
47 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
49 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आदाब।‌ हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' साहिब। आपकी उपस्थिति और…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं , हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया छंद
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रेरणादायी छंद हुआ है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आ. भाई शेख सहजाद जी, सादर अभिवादन।सुंदर और प्रेरणादायक कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
23 hours ago
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service