For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Views: 337

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on January 8, 2014 at 11:23am

परम आदरणीया वंदना जी,

 

आपके हृदय से आई इतनी सुन्दर शुभकामनाएँ हम दोनों के लिए बहुत मान्य रखती हैं। आपका बारम्बार आभार।

 

सादर और सस्नेह,

विजय निकोर

Comment by vijay nikore on January 8, 2014 at 11:18am

आपका हार्दिक आभार, प्रिय भाई जितेन्द्र जी।

यह आभा भगवान में विश्वास और संपूर्ण कृतज्ञता की देन है।

 

सादर और सस्नेह,

विजय निकोर

 

 

Comment by Vindu Babu on January 8, 2014 at 10:13am
वहां के फूलों का आंशिक परिचय देने के लिए भी आभार आदरणीय!
सादर
Comment by Vindu Babu on January 8, 2014 at 10:10am
ओह! मैं इतने विलम्ब से क्यों पहुंची यहाँ तक!
आप दोनो को सादर प्रणाम।
May providence provide You loo...ng blissful Conjugal life and these beautiful WHITE flowers fill both's life with ETERNAL peace...
Thanks a lot sir for sharing this nice pic.
Regards!
Vandana
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on January 8, 2014 at 9:06am

दोनों चेहरों पर एक आभा , सफल जीवन की

सादर!

Comment by vijay nikore on January 8, 2014 at 6:57am

आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीया महिमा जी। आपको नव वर्ष के लिए शुभकामनाएँ।

 

सादर,

विजय निकोर

Comment by MAHIMA SHREE on January 7, 2014 at 8:33pm

बेहद खुबसूरत फोटो ...सादर

Comment by vijay nikore on July 2, 2013 at 5:06pm

आदरणीय सौरभ भाई जी:

 

आपका धन्यवाद।

 

नहीं यह फूल चंपा-से लगते हैं, पर वास्तव में यह अति भीनि सुगंध वाले camellia हैं। इनकी बगल में (not in the photo) gardenia, tea olive और hyacinth हैं जिनकी सुगंध फैलती है।

 

सच तो यह है कि नीरा जी के और मेरे मन में परम परमात्मा की सुगंध और परितोषण-सी बसी कृतज्ञता ने हम दोनों को ४० वर्ष से एक संग रखा है।

 

सादर,

विजय निकोर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 2, 2013 at 6:09am

आज आपका परिचय पूर्ण हुआ आदरणीय विजय भाईजी.

क्या खिले फूल चंपा के हैं .लग रहे हैं. इनकी सुगंधि से आपका वातावरण मुग्ध रहा करता होगा.

सादर

Comment by vijay nikore on July 2, 2013 at 5:30am

आदरणीय अमन जी:

 

शुभकामनाओं के लिए आपका हार्दिक आभार।

 

सादर,

विजय निकोर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
8 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी प्रदत्त विषय पर आपने बहुत सुंदर रचना प्रस्तुत की है। इस प्रस्तुति हेतु…"
13 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी, अति सुंदर रचना के लिए बधाई स्वीकार करें।"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"गीत ____ सर्वप्रथम सिरजन अनुक्रम में, संसृति ने पृथ्वी पुष्पित की। रचना अनुपम,  धन्य धरा…"
18 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ पांडेय जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"वाह !  आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त विषय पर आपने भावभीनी रचना प्रस्तुत की है.  हार्दिक बधाई…"
22 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ पर गीत जग में माँ से बढ़ कर प्यारा कोई नाम नही। उसकी सेवा जैसा जग में कोई काम नहीं। माँ की…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय धर्मेन्द्र भाई, आपसे एक अरसे बाद संवाद की दशा बन रही है. इसकी अपार खुशी तो है ही, आपके…"
yesterday
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

शोक-संदेश (कविता)

अथाह दुःख और गहरी वेदना के साथ आप सबको यह सूचित करना पड़ रहा है कि आज हमारे बीच वह नहीं रहे जिन्हें…See More
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service