For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ऐ जिन्‍दगी मुझ पे भरोसा ना करना गीत

ऐ जिन्‍दगी मुझ पे भरोसा ना करना
हमें तो है किसी की चाहत पे मरना
 
सवाँर पाओ ना तु बिखर जायेगे हम
आपकी दुनिया से चले जायेगें हम
हँसते रहेगें वो तुम रोते रहना
हमें तो है किसी की चाहत पे मरना
ऐ जिन्‍दगी मुझ पे भरोसा ना करना


आँख मे अश्‍क उसके दे जायेगें हम
तड़पते रहो तुम चले जायेगें हम
हमे हैं जमाने से कभी कुछ न कहना
हमें तो है किसी की चाहत पे मरना
ऐ जिन्‍दगी मुझ पे भरोसा ना करना

 

बैठा करे हम कभी नदीया किनारे
लेकर वो नाम मेरा मुझको पुकारे
मेरी मोहब्‍बत पे कभी नही जलना
हमे तो है किसी की चाहत पे मरना
ऐ जिन्‍दगी मुझ पे भरोसा ना करना

 

 

संध्‍या मे हम उसका रास्‍ता निहारे
आजा मनमीत मेरे तुझको पुकारे
बाते अब प्रेम की हमसे नही करना
हमे तो है किसी की चाहत पे मरना
ऐ जिन्‍दगी मुझ पे भरोसा ना करना

 

 

मौलिक एवं अप्रकाशित अखंड गहमरी गहमर गाजीपुर

Views: 654

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Akhand Gahmari on March 6, 2014 at 10:50pm

आप के उत्‍साहवर्धन एवं मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी है अपना आर्शीवाद बनाये रख्‍ेा आदरणीय सौरभ पांडे जी


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 5, 2014 at 12:53am

अच्छी कोशिश हो रही है, इसे बनाये रखें .. बहुत लम्बी यात्रा तय करनी है.

शुभेच्छाएँ

Comment by Akhand Gahmari on February 20, 2014 at 7:54pm

आपके उत्‍साहवर्धन एवं मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी मेरा नमन स्‍वीकार करे आदरणीया शशी पवार जी

Comment by Akhand Gahmari on February 20, 2014 at 7:53pm

आपके उत्‍साहवर्धन एवं मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी मेरा नमन स्‍वीकार करे आदरणीय ब्रजेश नीरज जी

Comment by Akhand Gahmari on February 20, 2014 at 7:53pm

आपके उत्‍साहवर्धन एवं मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी मेरा नमन स्‍वीकार करे आदरणीय जितेन्‍द्र गीत जी

Comment by Akhand Gahmari on February 20, 2014 at 7:53pm

आपके उत्‍साहवर्धन एवं मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी मेरा नमन स्‍वीकार करे आदरणीय श्‍याम नारायण वर्मा जी

Comment by Akhand Gahmari on February 20, 2014 at 7:52pm

आपके उत्‍साहवर्धन एवं मार्गदर्शन के हम सदैव आकांक्षी मेरा नमन स्‍वीकार करे आदरणीय नीरज कुमार नीर जी

Comment by shashi purwar on February 20, 2014 at 9:10am

सुन्दर रचना है आदरणीय , हार्दिक बधाई

Comment by बृजेश नीरज on February 19, 2014 at 11:43pm

अच्छी रचना है! आपको हार्दिक बधाई!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 19, 2014 at 7:43pm

बहुत सुंदर गीत आदरणीय अखंड जी, हार्दिक बधाई आपको

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। रोटी पर अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आदाब।‌ हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' साहिब। आपकी उपस्थिति और…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं , हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया छंद
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रेरणादायी छंद हुआ है। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आ. भाई शेख सहजाद जी, सादर अभिवादन।सुंदर और प्रेरणादायक कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
yesterday
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service