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गीतिकाव्य में मात्रा संयोजन : ‘युक्ति - 2015’

हल्द्वानी। एमआईईटी कुमाऊं इंजीनियरिंग कालेज, लामाचौड़ के वार्षिकोत्सव में तकनीकी फेस्ट ‘युक्ति - 2015’ में विद्यार्थियों के तकनीकी कौशल में निखार के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं हुई।
समारोह का शुभारंभ एमआईइटी ग्रुप के चेयरमैन इं. विष्णु शरण अग्रवाल, संस्थान के चेयरमैन इं. गौरव अग्रवाल, प्रबंधक निदेशक डा. बहादुर सिंह बिष्ट, मुख्य अतिथि प्रभारी उच्चशिक्षा निदेशक डा. बीसी मेलकानी और विशिष्ट अतिथि अपर शिक्षा निदेशक कुमाऊं सुषमा सिंह ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया। कालेज के चैयरमैन इं. गौरव अग्रवाल ने कहा कि इंजीनियरिंग एवं कंप्यूटर एप्लीकेशन से जुड़ी प्रतियोगिताएं मनोरंजन के साथ आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करती है। ग्रुप के चेयरमैन इं. विष्णु शरण अग्रवाल ने छात्रों के सर्वांगीण विकास में ऐसे कार्यक्रमों को महत्वपूर्ण बताया।
इस दौरान आइस्क्रीम स्टिक से पुल बनाने की तकनीकी प्रतियोगिता में एमआईइटी कुमाऊं, इंजीनियरिंग कालेज की टीम ने पुल का मॉडल तैयार किया। जिसे तैयार करने में श्वेता बिष्ट, विकास सती, हिमांशु पांडे आदि शामिल थे। जंक यार्ड वार में बेकार चीजों से टरबाइन, पवन चक्की आदि बनाने के मुकाबले हुए। टेक्निकल क्विज प्रतियोगिता में शुभम नेगी, हिमांशु पांडे, भुवन भास्कर पांडे और विजय पांडे के ग्रुप विजयी रहे। वार्षिक समारोह में ‘गीतिकाव्य में मात्रा संयोजन’ के अंतर्गत कार्यशाला आयोजित हुई, जिसमें मुख्य अतिथि अमर उजाला के स्थानीय संपादक सुनील शाह, कार्यक्रम अध्यक्ष मेयर डा. जोगेंदर सिंह रौतेला ने दीप प्रज्वलित किया। कार्यशाला में गीतकार धनंजय सिंह दिल्ली, काव्य मर्मज्ञ सौरभ पांडेय, शायर एवं गजलकार एहतराम इस्लाम इलाहाबाद ने मुख्य वक्तव्य दिए। इस दौरान संस्थान के निदेशक डा. केएस कार्की, डीन एकेडमिक डा. प्राची सिंह, असि. प्रो. डा. मनीष कुमार पांडे, डा. ज्योत्सना जोशी, तरुण सक्सेना, मनीषा कोरंगा, विवेक राणा, इंदरजीत सिंह, मयंक मित्तल, नमित त्रिपाठी, काजल माहेश्वरी आदि छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 7, 2015 at 6:27am

आदरणीय मिथिलेश भाई , इस गौरवशाली आयोजन के समाचार को साझा करने के लिये आपका आभार , हम जा तो नहीं सके पर रपट पढ़ के थोड़ा  संतोष तो मिला !!  आदरणीय सौरभ भाई जी से निवेदन है कि अगर ग़ज़ल से संबंधित जानकारियाँ साझा करना संभव हो तो हम सब को भी लाभांवित करने की क़ृपा करें ॥


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 7, 2015 at 12:16am

हार्दिक बधाई के सही पात्र इन्स्टिट्यूट के छात्र और वहाँ का प्रबन्धन है, भाईजी..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on April 6, 2015 at 11:59pm

आदरणीय सौरभ सर, उस आयोजन की रपट नहीं आई, लेकिन मुझे आशा थी कि आयोजन में कविसम्मेलन या मुशायरा जरुर होगा. सफल आयोजन की सभी को हार्दिक बधाई. 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 6, 2015 at 11:51pm

इस समाचार को इस मंच पर साझा कर आपने सद्यः समाप्त आयोजन की यादें ताज़ा कर दीं, आदरणीय मिथिलेश भाईजी. 

प्रकृति तनिक मेहरबान नहीं थी. जिस आँधी-पानी में या जिन परिस्थितियों में आयोजन सम्पन्न हुआ उसके पीछे उस इन्स्टिट्युट के उत्साही छात्रों की आत्मीय संलग्नता ही थी.

कार्यशाला के बाद आयोजित कविसम्मेलन-सह-मुशायरा वास्तविक रूप से अपनी धाक छोड़ने में सफल रहा. इसकी चर्चा इस समाचार में नहीं है. १५ विद्वान कवि-शायरों की गरिमामय उपस्थिति तथा अरुज़ के जानकार ग़ज़लकार भाई मारुफ़ रायबरेलवी के संचालन में सम्पन्न हुए उक्त आयोजन में मुझे भी बहुत कुछ सीखने को मिला.

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