आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,
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वाह आदरणीया जानकी जी बेहतरीन कथा हुई है । ढेरों बधाई ।
wah janki ji janta ki antaratma ka dwand achche se ubhara hei katha me
nayi seli aur sako jagrat karti katha
badhai ho appko
आहा सखी विषय को भलीं भांति परिभाषित किया है आपने कथा के माध्यम से.. सच ही तो है बोलने और सुनने की शक्ति होते हुए भी मूक दर्शक बने रहतें हैं. इससे बड़े तमाशबीन क्या होंगे? ह्रदय से बधाई आपको इस कथा पर.
एक सशक्त रचना की प्रस्तुतीकरण हेतु बधाई स्वीकार करे आदरणीय जानकी जी.
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