For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

      

चुनौती नए साल

 

नए साल

अब के जो आना

इतिहास के लिए कुछ पन्ने लेते आना

ख़ास मेरे लिए

हालांकि

मैंने कोई बड़ा तीर नहीं मारा



मैंने तो किसी चुनाव को ताने तक नहीं मारे

शतरंज थी तो प्यादे जीते या वजीर क्यों हारे

किसी वादे को वफा की याद भी नहीं कराई

जुमलों की तो हरगिज़ बात तक नहीं उठायी

नहीं पूछा कि किसानों के साथ क्या जला

या कि बेरोजगारी का ग्राफ कितना पला

किसने बिछाई चौपर खेला कैसा जुआ

बैसाखी का रूपया क्यों धराशाई हुआ 

सचमुच ऐसी बात नहीं उठाई कोई

कि सरहद बार बार क्यों इतना रोई



फिर लिखना है क्या क्या लिखाना है

तुमको अगर जरूर ये प्रश्न उठाना है

तो कान में सुनो कि

अंततः मेरे पास एक क्षीण सही पर आवाज़ बाकि है

कि मुझे अभी भी अपनी अस्मिता पर नाज़ बाकि है

यही डर है कि

बस कहीं यही व्यतीत न हो जाए

तुम्हारे पन्नों में अतीत न हो जाए

बस यही है लिखाना

इसलिए कुछ पन्ने लेते आना

ख़ास मेरे लिए

हालांकि

मैंने कोई बड़ा तीर नहीं मारा

..................................................................................................................................

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 445

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by amita tiwari on January 4, 2019 at 1:16am

आदरणीय  समीर  कबीर  साहब ,सुरेन्द्र नाथ जी ,ब्रजेश जी 

नया साल मुबारिक हो 

आपके प्रोत्साहन के लिए अत्यंत आभारी हूँ 

सादर 

अमिता 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on January 3, 2019 at 3:08pm

वाह अच्छी रचना महोदया...

Comment by Samar kabeer on January 1, 2019 at 10:28pm

मुहटरमा अमिता तिवारी जी आदाब,अच्छी रचना है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by नाथ सोनांचली on January 1, 2019 at 8:55pm

आद0अमिता तिवारी जी सादर अभिवादन। अच्छी रचना सृजित की आपने,, बधाई स्वीकार कीजिये

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
3 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद,  आज़ाद तमाम भाई ग़ज़ल को समय देने हेतु !"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय तिलक राज कपूर साहब,  आपका तह- ए- दिल आभारी हूँ कि आपने अपना अमूल्य समय देकर मेरी ग़ज़ल…"
20 hours ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"जी आदरणीय गजेंद्र जी बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
21 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service