For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Mumtaz Aziz Naza's Discussions (165)

Discussions Replied To (165) Replies Latest Activity

"मैं माफी चाहूंगी, लेकिन इस मिसरे की बहर है, "फ़ाअ फ़ऊलुन फ़अलुन फ़अलुन फ़अलुन फ़अलुन फ़ाइलत…"

Mumtaz Aziz Naza replied Oct 28, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-136

343 Oct 30, 2021
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

सदस्य टीम प्रबंधन

"बहुत खूब, बहुत बहुत मुबारकबाद"

Mumtaz Aziz Naza replied Dec 15, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक- 62 की समस्त संकलित रचनाएँ

31 Dec 18, 2015
Reply by सीमा शर्मा मेरठी

"तरही मिसरे पे मेरी छोटी सी कोशिश हम भी ज़रा अनाड़ी हैं उल्फ़त के बाब मेंकच्चे हैं थो…"

Mumtaz Aziz Naza replied Jan 28, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १९

627 Jan 30, 2012
Reply by अरुण कुमार निगम

प्रधान संपादक

"aahahaha, utar ke aa gaya toofan khud safeene men, bemisaal tarkeeb hai Siya ji, mub…"

Mumtaz Aziz Naza replied Jan 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १५ (Now Closed with 669 Replies)

660 Jan 11, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

प्रधान संपादक

"sabhi aadarniya mitron ko dil ki gehraaiyon se dhanyavaad deti hoon, ke aap ne meri…"

Mumtaz Aziz Naza replied Jan 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १५ (Now Closed with 669 Replies)

660 Jan 11, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

प्रधान संपादक

"wah, behad sundar, kamaal ki rachna hai"

Mumtaz Aziz Naza replied Jan 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १५ (Now Closed with 669 Replies)

660 Jan 11, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

प्रधान संपादक

"mujhe bhi nahin dikhaai di"

Mumtaz Aziz Naza replied Jan 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १५ (Now Closed with 669 Replies)

660 Jan 11, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

प्रधान संपादक

"bahot khoobsoorat ghazal hai, bahot khoob"

Mumtaz Aziz Naza replied Jan 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १५ (Now Closed with 669 Replies)

660 Jan 11, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

प्रधान संपादक

"waaaaaaaaah, dil ko chhu gai aap ki ghazal"

Mumtaz Aziz Naza replied Jan 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १५ (Now Closed with 669 Replies)

660 Jan 11, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

प्रधान संपादक

"a hahaha, kya khoob, sundar hain aap ke dohe"

Mumtaz Aziz Naza replied Jan 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १५ (Now Closed with 669 Replies)

660 Jan 11, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे,  ओ यारा, ओ भी क्या दिन थे। ख़बर भोर की घड़ियों से भी पहले मुर्गा…"
44 minutes ago
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज जी एक अच्छी गजल आपने पेश की है इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई आदरणीय मिथिलेश जी ने…"
4 hours ago
Ravi Shukla commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश जी सबसे पहले तो इस उम्दा गजल के लिए आपको मैं शेर दर शेरों बधाई देता हूं आदरणीय सौरभ…"
4 hours ago
Ravi Shukla commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत अच्छी गजल आपने कहीं करवा चौथ का दृश्य सरकार करती  इस ग़ज़ल के लिए…"
4 hours ago
Ravi Shukla commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेंद्र जी बहुत अच्छी गजल आपने कहीं शेर दर शेर मुबारक बात कुबूल करें। सादर"
4 hours ago
Ravi Shukla commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post आदमी क्या आदमी को जानता है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी गजल की प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत बधाई गजल के मकता के संबंध में एक जिज्ञासा…"
4 hours ago
Ravi Shukla commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय सौरभ जी अच्छी गजल आपने कही है इसके लिए बहुत-बहुत बधाई सेकंड लास्ट शेर के उला मिसरा की तकती…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर आपने सर्वोत्तम रचना लिख कर मेरी आकांक्षा…"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे... आँख मिचौली भवन भरे, पढ़ते   खाते    साथ । चुराते…"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"माता - पिता की छाँव में चिन्ता से दूर थेशैतानियों को गाँव में हम ही तो शूर थे।।*लेकिन सजग थे पीर न…"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे सखा, रह रह आए याद। करते थे सब काम हम, ओबीओ के बाद।। रे भैया ओबीओ के बाद। वो भी…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"स्वागतम"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service