जो हौसला बलंद है नफस नफस कमंद है
हमारी हर ख़ुशी हमारे हौसलों में बंद है
वो बेकसी अतीत है यही हमारी जीत है
हर एक देशवासी के लबों पे ये ही गीत है
ये एकता मिसाल है हमारा ये कमाल है
वतन के लब पे आज भी मगर वही सवाल है
है कौन दूध का धुला अभी तलक नहीं खुला
अभी तक इस पियाले में ज़हर का घूँट है घुला
भरें सभी तिजोरियां हैं कैसी कैसी चोरियां
सुला रहे हैं हम ज़मीर को सुना के लोरियां
उठो के वक़्त आ गया उठाओ हर क़दम…
Posted on April 9, 2011 at 1:00pm — 2 Comments
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