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Hilal Badayuni
  • Male
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  • India
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मिथिलेश वामनकर left a comment for Hilal Badayuni
"ओपन बुक्स परिवार की ओर से आपको जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनायें."
Apr 14, 2019

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मिथिलेश वामनकर left a comment for Hilal Badayuni
"ओपन बुक्स परिवार की ओर से आपको जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनायें."
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Hilal Badayuni updated their profile
Apr 14, 2019

Profile Information

Gender
Male
City State
Uttar Pradesh
Native Place
Badaun (U.P.)
Profession
Shayar, Nazim e Mushaira /Jornalist/Teacher
About me
Urdu poet, If u want to furter info abt me and my poetreis , kindly search hilal badayuni in google

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Hilal Badayuni's Blog

एक तवायफ की दास्तान

कितनी बदली हुई तकदीर नज़र आती है--ये जवानी मेरी तस्वीर नज़र आती है !!



                    
                                                         हमने सोचा न था हालात कुछ ऐसे होंगे !…
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Posted on October 31, 2011 at 12:30am — 16 Comments

क्यों अदीब अब तक है खोये ज़ुल्फ़ और रुखसार में !!

हमको  रहना  चाहिए  अब  सोह्बते  तलवार  में !

क्यों अदीब अब तक है खोये ज़ुल्फ़ और रुखसार  में !!


जब  तलक  उलझा  रहेगा  दामने  दिल  खार  में !
हम  सुकू  से  रह  नहीं  पाएंगे  इस  गुलज़ार  में  !!


नकहते  गुल  सुबहे  नौ शम्सो  कमर  अंजुम  जिया ! 
नेमतें  क्या  क्या  छुपी  है  यार  के  दीदार  में !!


मुद्दतो  जिस …
Continue

Posted on October 15, 2011 at 5:00pm — 9 Comments

बेवफाई भी ज़रूरी है वफ़ा से पहले !!

मर्ज़  जिस  तरह  से  लाजिम  है  दवा  से  पहले  !

बेवफाई  भी  ज़रूरी  है  वफ़ा  से  पहले  !!
ख्वाहिश  ऐ   दीद  है  यूँ   दिल  को  क़ज़ा  से  पहले  !
तुमसे  मिलने  की  तमन्ना  है  खुदा  से  पहले  !!
आरजू  तो  है  चरागों   को  जलाने  की  मगर  !
मुझको  मालूम  तो  करने  दो  हवा  से  पहले  !!
जब  मेरा  साथ  निभाना  ही  नहीं  था  तुमको  !
क्यों  दिए  मुझको  मुहब्बत  में  दिलासे  पहले  !!
सिर्फ  खिलअत  से  नहीं…
Continue

Posted on October 7, 2011 at 12:30pm — 3 Comments

तेरी आँखों से लड़ गयीं आँखें !

तेरी आँखों से लड़ गयीं आँखें !

कितनी उलझन में पड़ गयीं आँखें !!



आँख से जब बिछड़ गयीं आँखें !

आंसुओ में जकड़ गयीं आँखें !!



तू जो आया बहार लौट आयी !

तू गया तो उजड़ गयीं आँखें !!



तेरे आने की इन्तेज़ारी में !

घर की चौखट पे जड़ गयीं आँखें !!



आज फिर ज़िक्र छिड गया उसका !

आज फिर से उमड़ गयीं आँखें !!



रौशनी… Continue

Posted on June 15, 2011 at 10:30pm — 1 Comment

Comment Wall (18 comments)

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At 2:12am on July 31, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स परिवार की ओर से आपको जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनायें.

At 4:10pm on August 1, 2011,
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
said…

हिलाल अहमदभाई, बधाई हो.

हार्दिक शुभकामनाएँ.

At 12:48pm on July 31, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 11:15am on June 15, 2011, Deepak Sharma Kuluvi said…
Hilal Bhai
लाजबाब बस लाजबाब 
.....................
मुझे अपनी खता मालूम नहीं
पर तेरी खता  पे हैराँ हूँ
कैसे भुला दूँ दिल से तुझे
जैसा भी हूँ बस तेरा हूँ
 
दीपक शर्मा 'कुल्लुवी'
09136211486
At 7:23pm on October 17, 2010, SYED BASEERUL HASAN WAFA NAQVI said…
aankhon pai jab se pad gayin.........bhai zinda bad buht achche misre kahe hain aap ne mubarak ho.
At 9:34pm on October 16, 2010, SYED BASEERUL HASAN WAFA NAQVI said…
salam bhai buht shukrya aapnki muhabbat ka dua main yad rakhen.
At 6:49pm on October 9, 2010, moin shamsi said…
देखिये मियां, आप ज़बर्दस्त लिखते हैं इसमें कोई दो राय नहीं है । माशा-अल्लाह ख़ानदानी शायर हैं । मगर मैं शायर नहीं हूं । हालांकि लिखता बहुत हूं । आंवला के जिन शोरा का ज़िक्र आपने किया उन्हें मैं जानता हूं । दिल्ली में कहां रहते हैं आप?
At 12:21am on October 5, 2010, आशीष यादव said…
hilal sahab aapka blog mahine ka sarwashresht blog chuna gaya. badhai swikar kare,
At 11:24pm on October 4, 2010,
सदस्य टीम प्रबंधन
Rana Pratap Singh
said…
हिलाल भाई इस सम्मान के लिए मुबारकबाद.
At 11:18pm on October 4, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
हिलाल भाई साहब,नमस्कार,
आपकी ग़ज़ल को महीने का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग (Best Blog of the Month) चुने जाने पर मुबारकवाद कबूल करे, उम्मीद है कि आगे भी आप कि रचनायें और अन्य रचनाओं पर आपकी बहुमूल्य टिप्पणियाँ पढ़ने को मिलती रहेगी,
आपका
गनेश जी "बागी"
 
 
 

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