हमको रहना चाहिए अब सोह्बते तलवार में !
Comment
shukriya brij bhushan ji aur saurabh ji
इस ग़ज़ल के लिये मुबारकां .. सारे अश’आर बखूबी रंगभरे निखरे हैं.
बधाई
आदरणीय हिलाल सर,
हमको रहना चाहिए अब सोह्बते तलवार में !
bahut khub
//तालिबे शर्म ओ हया हम , आप उरयानी पसंद !
shukriya bhai arun ji jo aapki muhabbatein mili is ghazal ko
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