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''कन्यादान '' महोत्सव में सभी रचनाकारों ने लगभग दहेज़,तथा वर पछ के प्रति एक से विचार ब्यक्त किये है.परन्तु ऐसा नहीं है. सुन्दर सुशील गुणवान कन्या को हर ब्यक्ति पसंद करता है .हमारे समाज के पुराने नियम…Continue
Started this discussion. Last reply by Arun Sri Feb 16, 2012.
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Namaskar Mitr
bahut lambe samay ke baad phir se is blog par likhna shuru kar rahi hun dubara se. ab koshish karungi ki niymitta bani rahe. aap sabhi ka sahyog chahungi.
Dhanywaad