For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

''कन्यादान '' महोत्सव में सभी रचनाकारों ने लगभग दहेज़,तथा वर पछ के प्रति एक से विचार ब्यक्त किये है.परन्तु ऐसा नहीं है. सुन्दर सुशील गुणवान कन्या को हर ब्यक्ति पसंद करता है .हमारे समाज के पुराने नियम परंपरा संस्कार काफी शोध के उपरांत बने है. कन्यादान शब्द का अर्थ किसी वस्तु के दान से तुलना करना मेरे विचार से कदापि उचित नहीं है .दो वंश परिवार सैकड़ो रिश्तेदारी एक साथ जिस रस्म के साथ जुडती है वह कन्यादान है .सभी लोगों ने नारी प्रताड़ना की बात कही ,समाज के कुछ लोग दहेज़ के लालच में ऐसा करते भी है .मगर पूरा समाज ऐसा निर्दयी नहीं है.अता समाज में जिन नारियो कि हालत अच्छी है उनके पीछे भी पुरुषो का हाँथ है इसमें कोई संदेह नहीं..ये मेरे निजी विचार है.

Views: 929

Reply to This

Replies to This Discussion

नीरज जी, क्या आपने आयोजन की ’सभी’ रचनाओं को देखा-पढ़ा है? आप कृपया एक बार आयोजन की सारी रचनाओं को देख-पढ़ लें. चूँकि आयोजन समाप्त हो चुका है, अतः, अब आप सम्मिलित रचनाओं पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ तो नहीं दे सकते, परन्तु, उन्हें पढ़ना और प्रतिक्रियाओं को पढ़ना अभी भी संभव है.   या फिर, सभी रचनाओं के संकलित पोस्ट की प्रतीक्षा करें. फिर आप देखें क्या ’सभी’ रचनाकारों ने वैसा ही कुछ लिखा है जैसा आपको लग गया है?

शुभेच्छा

कुछ आदरणीय सदस्यों ने कहा कि कन्या कोई वस्तु नही तो कन्या का दान क्यों ! कन्यादान की जगह वर का दान जैसी बातें भी सामने आई !

लेकिन क्या दान सिर्फ वस्तुगत होता है ?

क्षमा दया ज्ञान आदि का दान क्या दान नही ?

 

सच है कि कन्यादान जैसी महान परंपरा के साथ कुछ घिनौनी बुराइयां भी जुड गई है लेकिन इस कारण इस परंपरा के औचित्य पर प्रश्नचिन्ह लगाना ठीक न होगा ! ये जीवन के लिए कितना आवश्यक है ये कहने की बात नही ! समस्याओं के निराकरण के लिए इसे बदलना उचित नही होगा !

और बदलेगे भी तो क्या करेंगे ? दो रास्ते है –

 

१)      कन्या की जगह वर का दान किया जाए ! उससे सिर्फ ये होगा कि विरोध का परचम आज स्त्रियों के हाथ है , उस समय पुरुषों के हाथ होगा ! लेकिन स्थिति फिर भी नही बदलेगी !

२)     सृष्टिसृजन मात्र के लिए वर और कन्या को एक साथ रखा जाए उसके उपरांत वो स्वतंत्र हों लेकिन ऐसी स्थिति के बाद “मानव” , “सभ्यता” और “भारतीयता” जैसे शब्दों की परिभाषा ही बदलनी पड़ेगी !

 

ईश्वर ने स्त्रियों को पुरूषों से अधिक योग्य और सक्षम बनाया है ! हमारे भारतीय समाज ने उन्हें पुरूषों से ऊँचा स्थान भी दिया ! परंपरा को बदलने से बेहतर है कि उसमे समा चुकी बुराइयों को दूर किया जाए !

 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-129 (विषय मुक्त)
"स्वागतम"
18 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"बहुत आभार आदरणीय ऋचा जी। "
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार भाई लक्ष्मण जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है।  आग मन में बहुत लिए हों सभी दीप इससे  कोई जला…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"हो गयी है  सुलह सभी से मगरद्वेष मन का अभी मिटा तो नहीं।।अच्छे शेर और अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई आ.…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"रात मुझ पर नशा सा तारी था .....कहने से गेयता और शेरियत बढ़ जाएगी.शेष आपके और अजय जी के संवाद से…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. ऋचा जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. तिलक राज सर "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. जयहिंद जी.हमारे यहाँ पुनर्जन्म का कांसेप्ट भी है अत: मौत मंजिल हो नहीं सकती..बूंद और…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"इक नशा रात मुझपे तारी था  राज़ ए दिल भी कहीं खुला तो नहीं 2 बारहा मुड़ के हमने ये…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय अजय जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी ख़ूब शेर कहे आपने बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास किया आपने बधाई स्वीकार कीजिए  सादर"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service