For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रमेन्द्र डाबरे
  • Male
  • जयपुर
  • India
Share on Facebook MySpace

प्रमेन्द्र डाबरे's Friends

  • लोकेश सिंह
  • Parveen Malik
  • saroj sharma
  • डॉ. सूर्या बाली "सूरज"
  • राज़ नवादवी
  • rajesh kumari
  • aashukavi neeraj awasthi
  • सुनीता शानू
  • डॉ. नमन दत्त
 

प्रमेन्द्र डाबरे's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
जयपुर
Native Place
सहaharaनपुर उत्तरप्रदेश
Profession
HOSPITALITY PROFESSIONAL( MANAGER HOSPITALITY)
About me
POET

प्रमेन्द्र डाबरे's Photos

  • Add Photos
  • View All

प्रमेन्द्र डाबरे's Blog

मौसम

हम चुप हैं के कहने से कुछ नहीं होता

बस ग़म निकलता है पर कम नहीं होता,

कल फिर हम दिल को संभालेंगे देखो

ये ग़म का मौसम कभी कल नहीं होता,

अच्छा है ये के प्यास क्या है हम नहीं जानते

साकी की मेहरबानी मेरा पैमाना कम नहीं होता,

हम बे घर तो नहीं फुटपाथ है अपना घर

हम घर बनाते हैं हमारा घर नहीं होता ,

अपने पराये का फ़र्क़ अब ख़त्म हो गया है

सब दर्द दे रहे हैं अब दर्द नहीं होता.

Posted on September 20, 2012 at 10:30pm — 6 Comments

हिंद के शायर

अब कोई भी मेरे आस पास नहीं होता

तुम चले गये हादसा अब हर वक्त नहीं होता,

सौ जुगनु चमकते थे मेरे दिल में कभी

अब इस टूटे ताजमहल में परिंदा भी नहीं आता,

बे वफाई कर के भी वफ़ा ही महसूस हो

मै जानता हूँ तुझे ये फन नहीं आता,

सदियाँ गुजर गयीं शोलों पे चलता रहता हूँ

खुदा बे खबर पड़ा है हमें रोना नहीं आता,

अपने घर को जलते हुए देखकर सोचता हूँ

आग खुद बुझे तो बुझ जाये हमें तो बुझाना नहीं आता.

Posted on September 19, 2012 at 8:30pm — 2 Comments

Comment Wall (4 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 12:50pm on September 24, 2012, SANDEEP KUMAR PATEL said…

बहुत बहुत शुक्रिया आपका सादर आभार स्नेह यूँ ही सदैव बनाये रखिये

At 7:48pm on September 21, 2012, राज़ नवादवी said…

प्रमेन्द्र जी, वाकई में आपने अच्छा लिखा है, बधाई स्वीकार करें.

At 11:12am on September 21, 2012, लोकेश सिंह said…

प्रमेन्द्र जी प्रेरणा तो आपकी ही है ,आप जैसे हुनरमंद दोस्त किस्मत वालो को मिलते है ,बहुत बहुत धन्यवाद ....लोकेश

At 9:58pm on September 18, 2012, लोकेश सिंह said…

pramendra ji apaka hardik swagat hai.

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र ji कृपया देखिएगा सादर  मिटेगा जुदाई का डर धीरे धीरे मुहब्बत का होगा असर धीरे…"
7 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"चेतन प्रकाश जी, हृदय से आभारी हूं।  साप्ताहिक हिंदुस्तान में कोई और तिलक राज कपूर रहे होंगे।…"
7 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"धन्यवाद आदरणीय धामी जी। इस शेर में एक अन्य संदेश भी छुपा हुआ पाएंगे सांसारिकता से बाहर निकलने…"
10 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय,  विद्यार्जन करते समय, "साप्ताहिक हिन्दुस्तान" नामक पत्रिका मैं आपकी कई ग़ज़ल…"
18 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"वज़न घट रहा है, मज़ा आ रहा है कतर ले मगर पर कतर धीरे धीरे। आ. भाई तिलकराज जी, बेहतरीन गजल हुई है।…"
25 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
28 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीया, पूनम मेतिया, अशेष आभार  आपका ! // खँडहर देख लें// आपका अभिप्राय समझ नहीं पाया, मैं !"
35 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय रिचा यादव जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
47 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"अति सुंदर ग़ज़ल हुई है। बहुत बहुत बधाई आदरणीय।"
51 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"मेरी कोशिशें हैं इधर धीरे धीरे उधर हो रहा है असर धीरे धीरे। गए उनके दिल में उतर धीरे धीरे हुए वो…"
58 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"अदरणीय जयहिंद जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिए  सादर "
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"अदरणीय दयाराम जी नमस्कार  ग़ज़ल अच्छी हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिए , बाक़ी गुणीजनों ने कह दिया…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service