For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

डॉ. नमन दत्त
  • 56, Male
Share on Facebook MySpace

डॉ. नमन दत्त's Friends

  • प्रमेन्द्र डाबरे
  • Dr. Manoj Kumar
  • Dr.Prachi Singh
  • arunendra mishra
  • विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी
  • राज़ नवादवी
  • santosh tantre
  • Netram Acharya
  • Sharad Tailang
  • shruti thakur
  • jayesh kumar dave
  • Gyanendra Dutt Bajpai
  • Shashi Mehra
  • Gyanendra Nath Tripathi
  • Tilak Raj Kapoor
 

डॉ. नमन दत्त's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Khairagarh, Chhattisgarh
Native Place
Jabalpur
Profession
Associate Professor
About me
मैं एक संगीत का साधक हूँ और एशिया के पहिले संगीत और कला को समर्पित विश्वविद्यालय - "इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ (छत्तीसगढ़) में सेवारत हूँ....मैंने ग़ज़ल गायकी पर शोध कार्य किया है....मुझे ग़ज़लों से बेहद लगाव है..साथ ही मैं "साबिर" के नाम से लिखता भी हूँ..

डॉ. नमन दत्त's Photos

  • Add Photos
  • View All

डॉ. नमन दत्त's Videos

  • Add Videos
  • View All

डॉ. नमन दत्त's Blog

एक ग़ज़ल....

फ़ित्ने-नौ यूँ उठाने लगी ज़िंदगी |

आँख उनसे लड़ाने लगी ज़िंदगी ||

ताज़ा दम होने को आए थे बज़्म में,

सूलियों पे चढ़ाने लगी ज़िंदगी ||

होश खाने लगी मौत भी देखिये,

फिर ये क्या गुनगुनाने लगी ज़िंदगी ||

उनकी आवाज़ फिर आईना बन गई,…

Continue

Posted on June 28, 2012 at 8:52am — 2 Comments

= जीवन सन्दर्भ =

= जीवन सन्दर्भ =

खेत की मुंडेर पर चहकते पक्षियों की ढेर सारी बातें,

गेहूँ की बालियों के आँचल की मदमाती भीनी-भीनी सुगंध,

सर्दी की धूप का मेरी पीठ पर रखा दोस्ताना हाथ,

एक लय होकर काम करते हुए अनेक जीवन,

बैलों के गले की घण्टियों का राग,

यहाँ वहाँ उछलकूद करते बछड़े,

रंभाती गायें,

इन परिदृश्यों का स्वार्गिक…

Continue

Posted on June 12, 2012 at 5:02pm — 6 Comments

एक ग़ज़ल....

कल रात कहीं कुछ रीत गया.
लम्हे टूटे, मैं बीत गया.

साँसें क्या हैं..? इक व्यर्थ गति,
जब साँसों का संगीत गया.

जीवन सपनों के नाम हुआ,
तज कर मुझको हर मीत गया.

अक्सर जीवन की चौसर पर,
सुख हार गया, दुःख जीत गया.

इक दर्द रहा जो क़ायम है,
'साबिर' बाक़ी सब बीत गया.


[14/04/2007]

Posted on December 28, 2011 at 8:30am — 3 Comments

साँई स्तवन

# साँई स्तवन #



जनम सफल कर ले, भवसागर तर ले,

छुट जायेंगे सारे फंदे, साँई चरण धर ले....

१. कौन सहारा देगा तुझको सोच ज़रा,

तुझे कहाँ ले जाएगा अभिमान तेरा,

अंत समय क्या तेरे साथ चलेगा जग ?…

Continue

Posted on September 25, 2011 at 8:17am

Comment Wall (3 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
23 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
Jul 6
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
Jul 6

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Jul 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
Jul 5
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
Jul 3

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service