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भुवन निस्तेज's Discussions (493)

Discussions Replied To (491) Replies Latest Activity

"संतों  के पथ कंटक कंटक दुर्जन के पथ फूल खिले लिखकर उलटा तकदीरों को ये क्या तूने राम…"

भुवन निस्तेज replied Jul 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61

609 Jul 25, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"धीरे धीरे हम भी यारों, दुनियादारी सीख गएझूठ का कारोबार चलाया, औरों को बदनाम किया हम…"

भुवन निस्तेज replied Jul 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61

609 Jul 25, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

"खुद को श्याम कर इच्छित को बलराम करना, धरती पर खुद रावन भेजकर फिर राम करना, सावन और आ…"

भुवन निस्तेज replied Jul 24, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-61

609 Jul 25, 2015
Reply by Dr.Prachi Singh

सदस्य कार्यकारिणी

"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय। पिछले कुछ दिनों तो ये डेस्कटॉप वर्जन दिखने वाला टैब ही नही…"

भुवन निस्तेज replied Jul 6, 2015 to ओबीओ लाइव आयोजनों में डेस्कटॉप और मोबाइल वर्जन से सहभागिता को कैसे सहज किया जा सकता है?

18 Jan 21, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"संकलन हेतु बधाई है राणा प्रताप भाई..."

भुवन निस्तेज replied Jul 5, 2015 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा अंक 59 में सम्मिलित सभी ग़ज़लों का संकलन (चिन्हित मिसरों के साथ)

11 Jul 6, 2015
Reply by दिनेश कुमार

"संवेदना को झकझोर कर देता कथ्य.... बहुत खूब..."

भुवन निस्तेज replied Jun 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-3 (विषय: बंधन)

1256 Jul 1, 2015
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"आईने अक्स दिखा कर न यूँ इतरा खुद परतुझसे दिल में छिपे खंज़र नहीं देखे जाते badhaai"

भुवन निस्तेज replied Jun 27, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-60

623 Jun 27, 2015
Reply by वीनस केसरी

"'मेहनत' नाम की भी चीज़ तो होती होगी?ऊँचे सपने कभी सोकर नहीं देखे जाते badhai ho adar…"

भुवन निस्तेज replied Jun 27, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-60

623 Jun 27, 2015
Reply by वीनस केसरी

"क्या बात है...."

भुवन निस्तेज replied Jun 27, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-60

623 Jun 27, 2015
Reply by वीनस केसरी

"अवश्य आदरणीय, आदरणीय मोहन बेगोवाल सर मुशायरे के सिवा मंच में कम ही दिखायी देते हैं,आ…"

भुवन निस्तेज replied Jun 27, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-60

623 Jun 27, 2015
Reply by वीनस केसरी

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सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण भाई अच्छी ग़ज़ल हुई है , बधाई स्वीकार करें "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"आदरणीय सुरेश भाई , बढ़िया दोहा ग़ज़ल कही , बहुत बधाई आपको "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीया प्राची जी , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"सभी अशआर बहुत अच्छे हुए हैं बहुत सुंदर ग़ज़ल "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Jul 12
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Jul 10

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