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"आदरणीय आज़र साहब, आपका आना शुभ-शुभ हो. आप गोया मेरे मन की मुराद ही पूरी करने आए हैं.…"

Saurabh Pandey replied Sep 23, 2010 to गज़लशाला ( आप भी जाने कि ग़ज़ल कैसे कही जाती है )

50 Jan 18, 2011
Reply by Admin

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"वाह नवीनजी वाह.. इसे कहते हैं तल्लीनता.. और किसी चाहत को जीना. इस मुशाअरा की रोशनी आ…"

Saurabh Pandey replied Sep 23, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-3 (Now Closed)

380 Sep 23, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

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"क्या कहा और किस लहजे में कहा.. वाक़ई साहब, दिल के मुआमले के नाम फ़कत सतही रुमानियत और…"

Saurabh Pandey replied Sep 22, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-3 (Now Closed)

380 Sep 23, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

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"बहुत खूब राणा प्रताप.. यों आपकी इन पंक्तियों पर नज़र आज दे पाया.. और बेहद संजीदगी के…"

Saurabh Pandey replied Sep 22, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-3 (Now Closed)

380 Sep 23, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

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"नमस्कार साहब. आपके दो बंद बरबस ध्यान खींचते हैं. >>दर्द, गम, आंसूओं को मैं कर…"

Saurabh Pandey replied Sep 22, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-3 (Now Closed)

380 Sep 23, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

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"नमस्ते, आपकी मुक्तिकाओं ने बरबस ध्यान खींचा है और मैं प्रसन्न हूँ सलिलजी. >>म…"

Saurabh Pandey replied Sep 22, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-3 (Now Closed)

380 Sep 23, 2010
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".. आभार.."

Saurabh Pandey replied Sep 20, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-3 (Now Closed)

380 Sep 23, 2010
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"सुन्दर-सुन्दर सलिलजी.. >>>>वध अवध में खुले-आम सत का हुआ. अनसुनी बात सम्…"

Saurabh Pandey replied Sep 20, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-3 (Now Closed)

380 Sep 23, 2010
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"अच्छी निकली हैं.. बाँटने को ख़ुशी, हाथ तैयार थे, बीच दीवार कोई खड़ी हो गई ’खड़ी रह गई’…"

Saurabh Pandey replied Sep 20, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-3 (Now Closed)

380 Sep 23, 2010
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"जो ये टूटी-फूटी.. तो सूरतेमुसल्लम क्या होगी? ... भाईजाँ?!!"

Saurabh Pandey replied Sep 20, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-3 (Now Closed)

380 Sep 23, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

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Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"हा हा हा.. कमाल-कमाल कर जवाब दिये हैं आप, आदरणीय नीलेश भाई.  //व्यावहारिक रूप में तो चाँद…"
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - तमन्नाओं को फिर रोका गया है
"धन्यवाद आ. रवि जी ..बस दो -ढाई साल का विलम्ब रहा आप की टिप्पणी तक आने में .क्षमा सहित..आभार "
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"आ. अजय जी इस बहर में लय में अटकाव (चाहे वो शब्दों के संयोजन के कारण हो) खल जाता है.जब टूट चुका…"
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. सौरभ सर .ग़ज़ल तक आने और उत्साहवर्धन करने का आभार ...//जैसे, समुन्दर को लेकर छोटी-मोटी जगह…"
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"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।  अब हम पर तो पोस्ट…"
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"आ. भाई शिज्जू 'शकूर' जी, सादर अभिवादन। खूबसूरत गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
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Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आदरणीय नीलेश नूर भाई, आपकी प्रस्तुति की रदीफ निराली है. आपने शेरों को खूब निकाला और सँभाला भी है.…"
Tuesday
अजय गुप्ता 'अजेय posted a blog post

ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)

हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है पहचान छुपा के जीता है, पहचान में फिर भी आता हैदिल…See More
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है हार्दिक बधाई।"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं हार्दिक बधाई।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। इस मनमोहक छन्दबद्ध उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
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