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Tilak Raj Kapoor's Discussions (2,049)

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"मत्‍ले के शेर को एक बार फिर देखना ज़रूरी है, राब्‍ता स्‍पष्‍ट नहीं है। इसी प्रकार चौ…"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"मत्‍ले का शेर कुछ सरल हो जाता अगर है प्यार, न करिये कभी करार की बात नहीं तो छोड़ दें,…"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"ग़ज़ल अच्‍छी हुई। दूसरे शेर मे हसीं से  की जगह हसीन रखना सरल होता।"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत खूब हुई ग़ज़ल।  ''लगाई बाज़ी मुहब्बत की हम ने जैसे ही'' में प्रवाह बेहतर होता। "

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आपकी ग़ज़लों में मुख्‍य समस्‍या हिन्‍दी व्‍याकरण से दूरी की रहती है जिसमें मुझे कोई…"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"किस्‍सागोई के अंदाज़ में मत्‍ला बहुत खूबसूरती से बँधा है। दूसरा शेर की प्रथम पंक्ति…"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"तुम अपनी सोच पे थोड़ा विचार कर लेनाकि इश्क़ में नहीं होती है जीत-हार की बातदिखे हर एक…"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"ज़बाँ हिलाना तो आसान है मगर भाईअलग ही होती है मैदान-ए-कार ज़ार की बात वाह। बहुत खूब। "

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"तुम्हारे एक तगाफ़ुल से कौन मरता है, मगर ये बात हुई अब तो बार बार की बात.  वाह, बहुत ख…"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"किसी और से कहेंगे तो 'खुदा का शुक्रिया', खुदा को ही शुक्रिया कहेंगे तो? तरही मिसरे क…"

Tilak Raj Kapoor replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

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"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
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