For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Ravi Shukla's Discussions (1,143)

Discussions Replied To (1062) Replies Latest Activity

"आदरणीय सालिक जी  बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है शेर दर शेर हार्दिक बधाई स्वीकार करें 7 वां शे…"

Ravi Shukla replied Dec 28, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-138

429 Dec 29, 2021
Reply by Deepanjali Dubey

"आदरणीय संजय  जी अच्छी गजल हुई बहुत-बहुत बधाई गिरह का शेर अच्छा हुआ है । 6 ठे शेर का…"

Ravi Shukla replied Dec 28, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-138

429 Dec 29, 2021
Reply by Deepanjali Dubey

"आदरणीया दीपांजली जी गजल का  प्रयास अच्छा हुआ है  गिरह का शेर अच्छा लगा काफिया रदीफ क…"

Ravi Shukla replied Dec 28, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-138

429 Dec 29, 2021
Reply by Deepanjali Dubey

"आदरणीय लक्ष्मण जी तरही मिसरे पर बहुत अच्छी ग़ज़ल कही आपने गिरह भी उम्दा है दिली मुबा…"

Ravi Shukla replied Dec 28, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-138

429 Dec 29, 2021
Reply by Deepanjali Dubey

"आदरणीया ऋचा जी तरही मिसरे पर उम्दा ग़ज़ल कही आपने पाचवे शेर के सानी  में सबने मानी ब…"

Ravi Shukla replied Dec 28, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-138

429 Dec 29, 2021
Reply by Deepanjali Dubey

"आदरणीय शिज्जु जी  बढ़िया ग़ज़ल कही आपने शेर दर शेर मुबारक बाद  कुबूल करें गिरह भी अच…"

Ravi Shukla replied Dec 28, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-138

429 Dec 29, 2021
Reply by Deepanjali Dubey

"हमने फ़ुर्सत के लम्हों में बस तुमको ही याद किया यानी शाम ढली तो ख़ुद को जी भर के नाशाद…"

Ravi Shukla replied Oct 29, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-136

343 Oct 30, 2021
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"आदरणीय सुरेंद्र इंसान जी सर तरही मिसरे पर बहुत बढ़िया गजल आपने कही है इसके लिए दिली…"

Ravi Shukla replied Jun 25, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-132

428 Jun 26, 2021
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय मुनीश जी तरही मिसरे पर ग़ज़ल की उम्दा कोशिश हुई है इसके लिए मैं आपको दिली मुब…"

Ravi Shukla replied Jun 25, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-132

428 Jun 26, 2021
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय संजय जी बहुत अच्छी ग़ज़ल आपने कही है इसके लिए शेर दर शेर  दिली मुबारकबाद कुबू…"

Ravi Shukla replied Jun 25, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-132

428 Jun 26, 2021
Reply by Samar kabeer

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"हमको नगर में गाँव खुला याद आ गयामानो स्वयं का भूला पता याद आ गया।१।*तम से घिरे थे लोग दिवस ढल गया…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"221    2121    1221    212    किस को बताऊँ दोस्त  मैं…"
2 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"सुनते हैं उसको मेरा पता याद आ गया क्या फिर से कोई काम नया याद आ गया जो कुछ भी मेरे साथ हुआ याद ही…"
8 hours ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।प्रस्तुत…See More
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"सूरज के बिम्ब को लेकर क्या ही सुलझी हुई गजल प्रस्तुत हुई है, आदरणीय मिथिलेश भाईजी. वाह वाह वाह…"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

कुर्सी जिसे भी सौंप दो बदलेगा कुछ नहीं-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

जोगी सी अब न शेष हैं जोगी की फितरतेंउसमें रमी हैं आज भी कामी की फितरते।१।*कुर्सी जिसे भी सौंप दो…See More
Thursday
Vikas is now a member of Open Books Online
Tuesday
Sushil Sarna posted blog posts
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
Monday
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service