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Tilak Raj Kapoor's Discussions (2,067)

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"महाभारत हुआ भारत, समय ने क्‍या कराया है असत की चाल ने  सत-शीष को नीचा कराया है। कैसा…"

Tilak Raj Kapoor replied May 29, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

"महाभारत है(ह) भारत में, समय ने क्‍या कराया है असत की चाल ने  सत-शीष को नीचा कराया है…"

Tilak Raj Kapoor replied May 29, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

"शुक्र यानि जुम्‍मा का अलग ही महत्‍व है, यह तो सर्वविदित है अब शुक्र गुजार लिया तो मज…"

Tilak Raj Kapoor replied May 29, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

"शारदा जी, साहित्‍य, भाषा से उत्‍पन्‍न, नियमों से बँधी विधा है। छंदबद्ध काव्‍य का ही…"

Tilak Raj Kapoor replied May 29, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

"वहॉं तो काफि़या 'ई' स्‍वर था इसलिये मसहरी, गिलहरी काफि़या के रूप में ठीक थे, हॉं जिस…"

Tilak Raj Kapoor replied May 29, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

"आप सही हैं, मेरा भी आशय यही है कि हमें ग़ज़ल में कहन की आत्‍मा पर केन्द्रित रहना चाह…"

Tilak Raj Kapoor replied May 29, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

"आचार्य जी, मत्‍ले का शेर फिर चूक गया। इस तरही मिसरे में यही समस्‍या थी। 'कराया है' द…"

Tilak Raj Kapoor replied May 29, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

"ग़ज़ल कहना सतत् अभ्‍यास का विषय है, कोशिश करते रहें, संदर्भ सामग्री पढ़ते रहें, गुणव…"

Tilak Raj Kapoor replied May 29, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

"'लीजिये अब तो कोई शिकायत नहीं' के अंदाज़ में खूबसूरत ग़ज़ल। तिलकधारी था, योगीराज बाग…"

Tilak Raj Kapoor replied May 28, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

"सुनों इस मुल्क से मेरी सियासत हिल नहीं सकती, यहां हर साल मैंने इक न इक दंगा काराया ह…"

Tilak Raj Kapoor replied May 28, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

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"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
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दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
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मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
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