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वीनस केसरी's Discussions (2,462)

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"वाह एक कठिन रदीफ ले कर उसमें मुश्किल काफिया चुन लिया और इतने खूबसूरत तरीके उसका निर्…"

वीनस केसरी replied Feb 2, 2011 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक- ४-(Closed Now)

584 Feb 3, 2011
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"  बसन्ती आग में मुझको जलाओ न लो अंगडाइयाँ, अब पास आओ    दिखेंगे बौर अब अमराइयों में …"

वीनस केसरी replied Feb 2, 2011 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक- ४-(Closed Now)

584 Feb 3, 2011
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"टहनियों पर कई जुगनू खिलेंगे , धुंधलके में गज़ल सुनना सुनाना   खयालों में रति गुमसुम ह…"

वीनस केसरी replied Feb 2, 2011 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक- ४-(Closed Now)

584 Feb 3, 2011
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"आपकी सुन्दर कविता पढ़ कर ऐसा लगा जैसे कोई गोपी अपने कान्हा को पुकार रही हो कि अब तो आ…"

वीनस केसरी replied Feb 1, 2011 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक- ४-(Closed Now)

584 Feb 3, 2011
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"  वाह धर्मेन्द्र जी गागर में सागर भर दिया  सभी हाईकू पसंद आये ये दो तो बहुत बहुत पसं…"

वीनस केसरी replied Feb 1, 2011 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक- ४-(Closed Now)

584 Feb 3, 2011
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"भागें उड़ती हुई  चंचल तितलियों के  पीछे नन्हे पौधे लगाएं, लगे हुओं को सीचें.. मनभावन…"

वीनस केसरी replied Feb 1, 2011 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक- ४-(Closed Now)

584 Feb 3, 2011
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"लिस्ट को बढ़ाना हो तो क्या किया जाये ?"

वीनस केसरी replied Jan 29, 2011 to बहर सारिणी

7 Jan 30, 2011
Reply by Admin

मुख्य प्रबंधक

"अरुण जी आपकी बात से सहमत हूँ कि हमारा रुख सुधारवादी और समालोचना का होना चाहिए मगर कभ…"

वीनस केसरी replied Jan 28, 2011 to क्या हम लेखको का हक मार रहे है ?

172 Jan 17, 2017
Reply by gaurav kumar pandey

सदस्य टीम प्रबंधन

"कहे बसुरिया बजउले    प्रीत के रस से सरोबर एक मधुर गीत  बहुत प्यारा गीत अद्धुत बोल   …"

वीनस केसरी replied Jan 28, 2011 to गीत भूले बिसरे

101 Jun 8, 2011
Reply by Admin

सदस्य टीम प्रबंधन

"मधुरतम"

वीनस केसरी replied Jan 28, 2011 to गीत भूले बिसरे

101 Jun 8, 2011
Reply by Admin

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लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२२१/२१२१/१२२१/२१२ ***** जिनकी ज़बाँ से सुनते  हैं गहना ज़मीर है हमको उन्हीं की आँखों में पढ़ना ज़मीर…See More
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"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन एवं स्नेह के लिए आभार। आपका स्नेहाशीष…"
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नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय । बहुत…"
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"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
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Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। सुंदर, सार्थक और वर्मतमान राजनीनीतिक परिप्रेक्ष में समसामयिक रचना हुई…"
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२१२/२१२/२१२/२१२ ****** घाव की बानगी  जब  पुरानी पड़ी याद फिर दुश्मनी की दिलानी पड़ी।१। * झूठ उसका न…See More
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"शुक्रिया आदरणीय। आपने जो टंकित किया है वह है शॉर्ट स्टोरी का दो पृथक शब्दों में हिंदी नाम लघु…"
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"आदरणीय उसमानी साहब जी, आपकी टिप्पणी से प्रोत्साहन मिला उसके लिए हार्दिक आभार। जो बात आपने कही कि…"
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