For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Rana Pratap Singh's Discussions (2,359)

Discussions Replied To (2014) Replies Latest Activity

सदस्य टीम प्रबंधन

"great"

Rana Pratap Singh replied Sep 4, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-1( closed Now )

48 Sep 9, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"welcome पल्लव भाई...बड़ी गहरी बात कही है"

Rana Pratap Singh replied Sep 4, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-1( closed Now )

48 Sep 9, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"तितलियाँ आज मेरे घर में चली आयी है मैंने आंगन में नया फूल उगा रक्खा है"

Rana Pratap Singh replied Sep 4, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-1( closed Now )

48 Sep 9, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"मान gaye ustad"

Rana Pratap Singh replied Sep 4, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-1( closed Now )

48 Sep 9, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"vapas aane ke liye shukriya"

Rana Pratap Singh replied Sep 4, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-1( closed Now )

48 Sep 9, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"जो हवाओं का भी रुख मोड़ दिया करते थे खुद कि सांसों ने उन्हें आज डरा रखा है"

Rana Pratap Singh replied Sep 4, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-1( closed Now )

48 Sep 9, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"आज छोड़ आया माँ को लाडला वृद्धाश्रम में जिसको उसने कभी दूध अपना पिला रखा है"

Rana Pratap Singh replied Sep 4, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-1( closed Now )

48 Sep 9, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"kya bat hai kamal hai ...tarahi age badhane lagi hai"

Rana Pratap Singh replied Sep 4, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-1( closed Now )

48 Sep 9, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"hahahahahahahah बच के रहना " कुत्तों से सावधान""

Rana Pratap Singh replied Sep 4, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-1( closed Now )

48 Sep 9, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

सदस्य टीम प्रबंधन

"मुझे डर लगता है धरती का स्वर्ग नर्क ना हो आज लोगो ने वहा पत्थर उठा रखा है"

Rana Pratap Singh replied Sep 4, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-1( closed Now )

48 Sep 9, 2010
Reply by Navin C. Chaturvedi

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"मुस्काए दोस्त हम सुकून आली संस्कार आज फिर दिखा गाली   वाहहह क्या खूब  ग़ज़ल '…"
5 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२२१/२१२१/१२२१/२१२ ***** जिनकी ज़बाँ से सुनते  हैं गहना ज़मीर है हमको उन्हीं की आँखों में पढ़ना ज़मीर…See More
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन एवं स्नेह के लिए आभार। आपका स्नेहाशीष…"
Wednesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आपको प्रयास सार्थक लगा, इस हेतु हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी. "
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय । बहुत…"
Wednesday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
Tuesday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। सुंदर, सार्थक और वर्मतमान राजनीनीतिक परिप्रेक्ष में समसामयिक रचना हुई…"
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२/२१२/२१२/२१२ ****** घाव की बानगी  जब  पुरानी पड़ी याद फिर दुश्मनी की दिलानी पड़ी।१। * झूठ उसका न…See More
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service