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GOPAL BAGHEL 'MADHU''s Discussions (76)

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"दोस्ती ही महक है औ दोस्ती ही जकड है; दोस्ती मैं बसे जन्नत दोस्ती में खुदा है. मिलें…"

GOPAL BAGHEL 'MADHU' replied Apr 6, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ६ (Now Closed)

449 Apr 7, 2011
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"प्रिय गणेश जी, आपका स्नेह ही बाँधे रखता है..सब रचयिताओं को इस स्तम्भ से..हृदय से साध…"

GOPAL BAGHEL 'MADHU' replied Apr 6, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ६ (Now Closed)

449 Apr 7, 2011
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"धर्मेन्द्र जी, नमस्कार! आशीर्वचन के लिये हृदय से कृतज्ञ हूँ."

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449 Apr 7, 2011
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"अम्बरीश जी, प्रभु के वरे तो आप हैं..जो आप इन भावों में प्रभु को खोज रहे हैं .."

GOPAL BAGHEL 'MADHU' replied Apr 6, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ६ (Now Closed)

449 Apr 7, 2011
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"प्रभाकर जी, इस कविता के असली प्रेरक व अन्तर्निहित रचयिता आप ही हैं ...आपने बोला तो म…"

GOPAL BAGHEL 'MADHU' replied Apr 6, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ६ (Now Closed)

449 Apr 7, 2011
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"आपके प्रोत्साहन से ही यह भाव आये और कविता बन गयी है"

GOPAL BAGHEL 'MADHU' replied Apr 6, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ६ (Now Closed)

449 Apr 7, 2011
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"याद वह आता रहा  (मधु गीति सं. १७६९, दि. ६ अप्रेल, २०११)   याद वह आता रहा, मीत था मेर…"

GOPAL BAGHEL 'MADHU' replied Apr 6, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ६ (Now Closed)

449 Apr 7, 2011
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"बहुत खूब है..उनके रूहानी इश्क की सिहरन ...उनका दर्द..नज्मे..जश्न..कब्र में उतरना.."

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449 Apr 7, 2011
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"प्रिय ब्रज भूषण जी, आनन्द लेने व देने के लए हार्दिक साधुवाद"

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449 Apr 7, 2011
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"दोस्ती ही आस्तिकों की नाव है (मधु गीति सं. १७६८, दि. ६ अप्रेल, २०११)   दोस्ती ही आस्…"

GOPAL BAGHEL 'MADHU' replied Apr 6, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ६ (Now Closed)

449 Apr 7, 2011
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