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प्रिय गणेश जी व ओपन बुक्स ऑनलाइन के समस्त कवि व लेखक गणों, सादर नमस्कार! आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि 'अखिल विश्व हिंदी समिति', टोरोंटो, ओंटारियो, कनाडा १८ जून , २०११ को १ बजे से ४:३० बजे शायं 'विश्व…Continue
Tags: आयोजन
Started Jun 13, 2011
अनमनी आकुल अखिल की आस्थाएं
(मधु गीति सं. १७२५ , दि. १४ मार्च, २०११)
अनमनी आकुल अखिल की आस्थाएं, व्यवस्था की अवस्था का सुर सुधाएं;
चेतना भरकर…
ContinuePosted on March 31, 2011 at 12:00pm — 2 Comments
हर उर भरे रंग हर होली कर संग
(मधु गीति सं. १७३३, दि. २० मार्च, २०११)
हर उर भरे रंग, हर होली कर संग;…
ContinuePosted on March 20, 2011 at 1:49pm — 2 Comments
इन अकेली वादियों में चले आये
(मधु गीति सं. १७१७, दि. १० मार्च, २०११)
इन अकेली वादियों में चले आये, भरा सुर आवादियों का छोड़ आये;
गान तुम निस्तब्धता का सुन हो पाये, तान नीरवता की तुम खोये सिहाये.…
ContinuePosted on March 17, 2011 at 1:06pm — 2 Comments
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Comment Wall (13 comments)
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मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
Thanks for sending friendship request. I hilariously accept it. It is my pleasure to have a friend like you. Thanks.
pkroy
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
सदस्य टीम प्रबंधनRana Pratap Singh said…
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