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Seema Singh's Discussions (715)

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"शुक्रिया सर, आपके अनुमोदन ने आश्स्त कर दिया।"

Seema Singh replied Jan 31, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-22 (विषय: ढहते क़िले का दर्द)

827 Jan 31, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"जाति पांत और अहंकार के झूठे किले ढह गए स्वार्थ की आंधी में पर उनका दर्द तो बाकी है।…"

Seema Singh replied Jan 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-22 (विषय: ढहते क़िले का दर्द)

827 Jan 31, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत खूबसूरत रचना, मन को खींच कर बचपन के उस स्कूल के पास ले गई जहाँ बेर वाली अम्मा ब…"

Seema Singh replied Jan 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-22 (विषय: ढहते क़िले का दर्द)

827 Jan 31, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"वाह! शुक्रिया सर, सबक एक को,सीख हम सबको।"

Seema Singh replied Jan 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-22 (विषय: ढहते क़िले का दर्द)

827 Jan 31, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"“शायद मैंने ही इनसे बहुत ज़्यादा उम्मीदें लगा ली थींI” इस एक पंक्ति में पूरा विषय सिम…"

Seema Singh replied Jan 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-22 (विषय: ढहते क़िले का दर्द)

827 Jan 31, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"सयुंक्त परिवार के साधारण नियमो में कब ये मताधिकार का निर्णय भी मुखिया के हाथ लग गया…"

Seema Singh replied Jan 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-22 (विषय: ढहते क़िले का दर्द)

827 Jan 31, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"धन्यवाद आ० ओम प्रकाश जी।"

Seema Singh replied Jan 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-22 (विषय: ढहते क़िले का दर्द)

827 Jan 31, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"शुक्रिया अनुज !"

Seema Singh replied Jan 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-22 (विषय: ढहते क़िले का दर्द)

827 Jan 31, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आभार आ० मिथिलेश जी।"

Seema Singh replied Jan 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-22 (विषय: ढहते क़िले का दर्द)

827 Jan 31, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"शुक्रिया दीदी।"

Seema Singh replied Jan 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-22 (विषय: ढहते क़िले का दर्द)

827 Jan 31, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

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