For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Tasdiq Ahmed Khan's Discussions (5,166)

Discussions Replied To (4334) Replies Latest Activity

"जनाब चौथमल साहिब , आपने सही कहा है आँखों से ही रौशनी है ,   सुन्दर रचना के लिए मुबार…"

Tasdiq Ahmed Khan replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"सफलता का एक दरवाज़ा मन के अंदर से ज़रूर खुलता है जो रौशनी तक ले जाता है ----- वाह ,मोह…"

Tasdiq Ahmed Khan replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"जनाब पंकज कुमार साहिब , '' मानो उजाला करने को ही यह आग लगायी ''  बहुत ही सुन्दर भाव…"

Tasdiq Ahmed Khan replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"दौड़ लगी जुगनू के पीछे --भूले सब प्रकाश की खान ,  प्रदत्त विषय पर सुन्दर चित्रण , वाह…"

Tasdiq Ahmed Khan replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

" जनाब अखिलेश श्रीवास्तव   साहिब   ,   प्रदत्त विषय को दर्शाते सुन्दर दोहों  के लिए  …"

Tasdiq Ahmed Khan replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

" जनाब सतविंदर कुमार   साहिब   ,शुद्ध हवा न हो रोशन ---वासर निशा गहनते हैं ;   सुन्दर…"

Tasdiq Ahmed Khan replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"मोहतरम जनाब विजय शंकर  साहिब   , ;; अंधेरों में रहते रहते अंधेरों के होके रह गए हम :…"

Tasdiq Ahmed Khan replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"मोहतरम जनाब समर कबीर  साहिब आदाब  , प्रदत्त विषय को दर्शाती बेहतर ग़ज़ल के लिए शेर दर…"

Tasdiq Ahmed Khan replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"मोहतरम जनाब सौरभ साहिब , रचना में बहुत सुन्दर भाव समेटे  आपने । '' रौशनी को चुप चाप…"

Tasdiq Ahmed Khan replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"ग़ज़ल ........ मेरा तारीक दिल कब ख़ुद बख़ुद ही जगमगाया है । तसव्वुर में मेरे कोई उजाला…"

Tasdiq Ahmed Khan replied May 13, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण भाई अच्छी ग़ज़ल हुई है , बधाई स्वीकार करें "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"आदरणीय सुरेश भाई , बढ़िया दोहा ग़ज़ल कही , बहुत बधाई आपको "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीया प्राची जी , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"सभी अशआर बहुत अच्छे हुए हैं बहुत सुंदर ग़ज़ल "
Wednesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Jul 12
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Jul 10

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service