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sanjiv verma 'salil''s Discussions (1,064)

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"आपका आभार शत-शत. बने धर्मेन्द्र जब सिंग तो, मने जंगल में भी मंगल. हरी हो फिर से यह…"

sanjiv verma 'salil' replied May 29, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

"मौलिक सोच समाहित किये रचना का स्वागत है. शिल्प सजग रहने पर निखरेगा."

sanjiv verma 'salil' replied May 28, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

"मुक्तिका: * ज़रा सी जिद ने इस आँगन का बंटवारा कराया है. समझदारों की बेकदरी ने सिर नी…"

sanjiv verma 'salil' replied May 28, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

"बहुत खूब चराग़ों की ज़मानत  दानी ने ली ,ऐसा कह तुमने, हवाओं की अदालत से मेरा झगड़ा क…"

sanjiv verma 'salil' replied May 28, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

"आप सही फरमा रहे हैं. आजकल कम से कम समय में अधिक से अधिक देने की कोशिश करता हूँ उसी म…"

sanjiv verma 'salil' replied May 28, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

"प्रभाकर जी!'गरीबों ने गरीबों से' नहीं है, 'गरीबी ने गरीबों से है'. कृपया, दोबारा गौर…"

sanjiv verma 'salil' replied May 28, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

"ग़रीबी ने ग़रीबों से यहाँ क्या क्या कराया हैकभी भूखा सुलाया है कभी रोज़ा कराया है   …"

sanjiv verma 'salil' replied May 28, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

"ख़ुदा जाने कॅ बंदों ने किया क्या ; क्या कराया है तिजारत की वफ़ा की , मज़हबी सौदा कराया…"

sanjiv verma 'salil' replied May 28, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

"शिकायत कीजिये क्‍यूँकर, अगर ऐसा कराया है खुदा ने तो हमेशा काम कुछ अच्‍छा कराया है।…"

sanjiv verma 'salil' replied May 28, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-११(Now Close)

235 May 30, 2011
Reply by Hilal Badayuni

"सराहना हेतु आभारी हूँ."

sanjiv verma 'salil' replied Apr 25, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

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अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाइये।"
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