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योगराज प्रभाकर's Discussions (10,563)

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"वाक़ई इस ग़ज़ल के माध्यम से नूर ही नूर बरसा दिया आ० खुर्शीद खैराड़ी साहिब, वाह। दिल से द…"

योगराज प्रभाकर replied Feb 14, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-52

901 Feb 14, 2015
Reply by maharshi tripathi

"क्या गज़ब अशआर हुए हैं आ० राजेश कुमारी जी। दिलखुश ग़ज़ल कही है आपने, ढेरों ढेर दाद हाज़ि…"

योगराज प्रभाकर replied Feb 14, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-52

901 Feb 14, 2015
Reply by maharshi tripathi

"वाह वाह, बेहद प्रभावशाली प्रस्तुति आ० डॉ विजय शंकर जी। हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"

योगराज प्रभाकर replied Feb 14, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-52

901 Feb 14, 2015
Reply by maharshi tripathi

"//चाहे दिखे या न दिखेजिसने दो छोरों को जीवंतता जोड़े रखा है   डोर वही है , सच्ची//अति…"

योगराज प्रभाकर replied Feb 14, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-52

901 Feb 14, 2015
Reply by maharshi tripathi

"सुन्दर और विषयानुरूप दोहावली हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें आ० अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव…"

योगराज प्रभाकर replied Feb 14, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-52

901 Feb 14, 2015
Reply by maharshi tripathi

"आयोजन की पहली रचना और वह भी पञ्चचामर छंद में ? वाह वाह वाह !! क्या सुन्दर ढंग से प्र…"

योगराज प्रभाकर replied Feb 14, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-52

901 Feb 14, 2015
Reply by maharshi tripathi

सदस्य टीम प्रबंधन

"भाई मिथिलेश वामनकर जी, आज भी जब मैं इस आयोजन को याद करता हूँ तो ह्रदय एक विचित्र रोम…"

योगराज प्रभाकर replied Feb 4, 2015 to ओबीओ के तृतीय वर्षगाँठ पर हल्द्वानी में आयोजित सम्मेलन // --सौरभ

101 Feb 4, 2015
Reply by सूबे सिंह सुजान

"वाह वाह बेहद उम्दा ग़ज़ल कही है भाई लक्ष्मण धामी जी, बेहतरीन ! हार्दिक बधाई प्रेषित है…"

योगराज प्रभाकर replied Jan 31, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-55

567 Jan 31, 2015
Reply by MAHIMA SHREE

"अच्छी ग़ज़ल हुई भाई भाई हरजीत सिंह खालसा जी, बधाई स्वीकारें। चौथे शेअर में तक़ाबुल-ए-रद…"

योगराज प्रभाकर replied Jan 31, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-55

567 Jan 31, 2015
Reply by MAHIMA SHREE

"ग़ज़ल में रदीफ़ ही गलत ले ली गई है, तो आगे और क्या कहा जाए ?"

योगराज प्रभाकर replied Jan 31, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-55

567 Jan 31, 2015
Reply by MAHIMA SHREE

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"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
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दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।प्रदत्त विषय पर सुन्दर प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई।"
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"बीते तो फिर बीत कर, पल छिन हुए अतीत जो है अपने बीच का, वह जायेगा बीत जीवन की गति बावरी, अकसर दिखी…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे,  ओ यारा, ओ भी क्या दिन थे। ख़बर भोर की घड़ियों से भी पहले मुर्गा…"
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Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज जी एक अच्छी गजल आपने पेश की है इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई आदरणीय मिथिलेश जी ने…"
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