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sanjiv verma 'salil''s Discussions (1,064)

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"होली पर करना नहीं, जिनको आँखें चार. वे सब चश्मा लगा लें, चाहें मंगें उधार.. सजनी-सा…"

sanjiv verma 'salil' replied Mar 6, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ५ (closed now)

656 Mar 6, 2011
Reply by Dr Nutan

"समाधान हुआ. धन्यवाद."

sanjiv verma 'salil' replied Mar 6, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ५ (closed now)

656 Mar 6, 2011
Reply by Dr Nutan

"मोद विनोद प्रमोद आमोद समोद मनाएँ मिलकर होली. मन्मथ पर हो मन का काबू, मन मथ मनती खिलक…"

sanjiv verma 'salil' replied Mar 6, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ५ (closed now)

656 Mar 6, 2011
Reply by Dr Nutan

"अद्भुत कथा-प्रसंग है, सबके मन की बात. राजबुन्देली इसीलिये, दूर-दूर विख्यात.."

sanjiv verma 'salil' replied Mar 5, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ५ (closed now)

656 Mar 6, 2011
Reply by Dr Nutan

"वाह वाह राजेश जी, हर दोहा रंग-दार मन पढ़कर पुलकित हुआ, पहुँचाये आभार.. ."

sanjiv verma 'salil' replied Mar 5, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ५ (closed now)

656 Mar 6, 2011
Reply by Dr Nutan

"श्यामल श्यामल हो गई राधे श्याम रंग में रंग गई राधे.   bahut khoob."

sanjiv verma 'salil' replied Mar 5, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ५ (closed now)

656 Mar 6, 2011
Reply by Dr Nutan

"प्रीत न प्रीतम की घटे, रहे सदा बन सूर्य. दस दिश में डंका बजे, रहे निनेदित तूर्य.."

sanjiv verma 'salil' replied Mar 5, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ५ (closed now)

656 Mar 6, 2011
Reply by Dr Nutan

"जोगी रा सा रा रा रा... मन को भा गया.."

sanjiv verma 'salil' replied Mar 5, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ५ (closed now)

656 Mar 6, 2011
Reply by Dr Nutan

"सार्थक-सटीक रचना."

sanjiv verma 'salil' replied Mar 5, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ५ (closed now)

656 Mar 6, 2011
Reply by Dr Nutan

"नहीं पुरातन हो, रहे फागुन नूतन नित्य. नूतन बिन होली कहो, कैसे रहे अनित्य. कैसे रहे…"

sanjiv verma 'salil' replied Mar 5, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ५ (closed now)

656 Mar 6, 2011
Reply by Dr Nutan

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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-173
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