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Er. Ganesh Jee "Bagi"'s Discussions (8,124)

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"वाह वाह पंकज सर , बेहद संजीदा ग़ज़ल कही है आपने ,   जीवन क्या है सच पूछो तो है सुंदर…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Feb 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"तपन जी , प्रयास सार्थक है , आपसे और की उम्मीद है , मुशायरे में शिरकत हेतु बधाई |"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Feb 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"पुनिया साहिब अच्छी  ग़ज़ल कही है आपने , माना बरखुर्दार के, सियाह - सफेद हो गये, ‘चंद…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Feb 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"सच का पैरोकार यहाँ अकेला लगता है , चौक कहाँ तहरीर जहां पर रेला लगता है |   अरुण भाई…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"जिनसे पद शोभित होता है, ऐसे लोग नहीं मिलते. पद पा शोभा बढ़ती जिसकी, 'सलिल' उसे बटमा…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"रस्मी है हर प्रीत यहाँ पर रीते हैं रस्मी बीत गयी सावन की रुत अब झूला लगता है .... बह…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"मेरी हद तंग करो ना भाई भाई के झगड़े मेंरोते रोते हमसे गमगीं पुरखों की दीवार कहे।   सं…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"वोहो , बहुत खूब धर्मेन्द्र जी ,  अंत समय चार जनों का कांधा और मुठी भर आटा वाले शे'र…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"उसका सुख मेरा भी सुख है उसका दुःख मेरा दुःख है  इक दूजे पर हम हों अर्पण मन का इक इक…"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"Happy Birthday Anita jee,"

Er. Ganesh Jee "Bagi" replied Feb 22, 2011 to खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

3552 Sep 14, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

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मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
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