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Dayaram Methani's Discussions (1,094)

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"ग़म का ग़म ही नहीं जिसको न ख़ुशी की है ख़ुशीउस को मजबूरी-ए-हालात नहीं होती है [ ........…"

Dayaram Methani replied Jul 24, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-121

611 Jul 25, 2020
Reply by Samar kabeer

"इस बुढ़ापे में लड़कपन सी कहाँ है चुस्तीदिल तो कहता है ख़ुराफ़ात नहीं होती है। .......वाह…"

Dayaram Methani replied Jul 24, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-121

611 Jul 25, 2020
Reply by Samar kabeer

"नींद आँखों को मिले,दिल को मिले चैन ज़राइससे बढ़ कर कोई ख़ैरात नहीं होती है..........वाह…"

Dayaram Methani replied Jul 24, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-121

611 Jul 25, 2020
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय तस्दीक अहमद जी, बहुत ही सुंदर गज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर।"

Dayaram Methani replied Jul 24, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-121

611 Jul 25, 2020
Reply by Samar kabeer

"इश्क़ के खेल में हर चाल पे दिल की ऐ 'सिफ़र' शह तो होती है मगर मात नहीं होती है ......ब…"

Dayaram Methani replied Jul 24, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-121

611 Jul 25, 2020
Reply by Samar kabeer

"चाहता तो हूँ मैं दुनिया को बदल दूँ लेकिनक्या करूँ मुझसे शुरुआत नहीं होती है.........…"

Dayaram Methani replied Jul 24, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-121

611 Jul 25, 2020
Reply by Samar kabeer

"रतजगे इश्क़ की एवज़ में मिलें आँखों कोइससे बेहतर कोई सौग़ात नहीं होती है............बहु…"

Dayaram Methani replied Jul 24, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-121

611 Jul 25, 2020
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय अमरूद्दीन जी, बहुत ही सुंदर गज़ल के लिए बधाई। "

Dayaram Methani replied Jul 24, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-121

611 Jul 25, 2020
Reply by Samar kabeer

"अश्क़ हर अंग से बहते हैं मेरे तो नादिर सिर्फ़ आँखों से ही बरसात नहीं होती है.-------अत…"

Dayaram Methani replied Jul 24, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-121

611 Jul 25, 2020
Reply by Samar kabeer

"आजकल उनसे मुलाकात नहीं होती हैमिल भी जायें तो कभी बात नहीं होती है आप देखा न करें ह…"

Dayaram Methani replied Jul 24, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-121

611 Jul 25, 2020
Reply by Samar kabeer

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