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शिज्जु "शकूर"'s Discussions (2,334)

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"बहुत बहुत शुक्रिया आ. डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव सर"

शिज्जु "शकूर" replied Jan 28, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-79

652 Jan 28, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत बहुत शुक्रिया दिनेश भाई"

शिज्जु "शकूर" replied Jan 28, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-79

652 Jan 28, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत सुंदर आ. राजेश दीदी बहुत बहुत बधाई आपको, पुछल्ला भी दमदार है"

शिज्जु "शकूर" replied Jan 28, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-79

652 Jan 28, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"//व्यर्थ है आखर का मेला बोलता है मौन जब मैं रहूँ चुप धड़कनों में अब गदर होने को है .…"

शिज्जु "शकूर" replied Jan 28, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-79

652 Jan 28, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आ. डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव सर अच्छी ग़ज़ल हुई है बहुत बहुत बधाई आपको"

शिज्जु "शकूर" replied Jan 28, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-79

652 Jan 28, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय मनोज कुमार अहसास जी अच्छा प्रयास है। 'जागना है सोचकर' इस मिसरे की फिर से तक्त…"

शिज्जु "शकूर" replied Jan 28, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-79

652 Jan 28, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आ. मुनीश तन्हा जी मुशायरे में शिरकत करने और इस ग़ज़ल के लिए बधाई"

शिज्जु "शकूर" replied Jan 28, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-79

652 Jan 28, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"अच्छा प्रयास है आ. डॉ आशुतोष जी, मतले के सानी मिसरे को फिर से देख लीजिएगा सही शब्द ह…"

शिज्जु "शकूर" replied Jan 28, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-79

652 Jan 28, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"रात को करवट ली उसने रुख़ मेरी जानिब कियाऔर मुझको यूँ लगा जैसे सहर होने को है ॥ वाहह…"

शिज्जु "शकूर" replied Jan 28, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-79

652 Jan 28, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आ. सतविन्द्र कुमार जी अच्छी ग़ज़ल हुई है, गिरह भी अच्छी लगाई है सादर बधाई आपको"

शिज्जु "शकूर" replied Jan 28, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-79

652 Jan 28, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

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