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sanjiv verma 'salil''s Discussions (1,064)

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सदस्य टीम प्रबंधन

"न देखा योग लेकिन तू दिलों पर राज करता है. हवा करती है सरगोशी बदन ये काँप जाता है."

sanjiv verma 'salil' replied Nov 23, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-५ (Closed now)

574 Nov 24, 2010
Reply by sanjiv verma 'salil'

सदस्य टीम प्रबंधन

"अँधेरा लील कर सारा, उजाला मुस्कुराता है. प्रभाकर हाथ में थामे कलम, महफिल में आता है.."

sanjiv verma 'salil' replied Nov 23, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-५ (Closed now)

574 Nov 24, 2010
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"आपका आभार शत-शत."

sanjiv verma 'salil' replied Nov 23, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-५ (Closed now)

574 Nov 24, 2010
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"धन्यवाद."

sanjiv verma 'salil' replied Nov 23, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-५ (Closed now)

574 Nov 24, 2010
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"पारखी नजरों का शुक्राना अदा करता सलिल..............."

sanjiv verma 'salil' replied Nov 23, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-५ (Closed now)

574 Nov 24, 2010
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"thanks."

sanjiv verma 'salil' replied Nov 23, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-५ (Closed now)

574 Nov 24, 2010
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सदस्य टीम प्रबंधन

"dhanyavad."

sanjiv verma 'salil' replied Nov 23, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-५ (Closed now)

574 Nov 24, 2010
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"आप सही कह रहे हैं. 'हाँफ' के स्थान पर 'हांप' टंकित हुआ है. हिंदी में एक संवर्ग (उच्च…"

sanjiv verma 'salil' replied Nov 23, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-५ (Closed now)

574 Nov 24, 2010
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"मुशायरे की सबसे बेहतरीन रचना. बधाई."

sanjiv verma 'salil' replied Nov 22, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-५ (Closed now)

574 Nov 24, 2010
Reply by sanjiv verma 'salil'

सदस्य टीम प्रबंधन

"'हँसीना' और 'फाँका' दोनों में चन्द्र बिंदी नहीं है. देखिये: फाकाकशी = अनशन, संतरे की…"

sanjiv verma 'salil' replied Nov 22, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-५ (Closed now)

574 Nov 24, 2010
Reply by sanjiv verma 'salil'

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